लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि जनता से जुड़े कामों और कानून व्यवस्था जैसे मसलों पर अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए हर महीने जिलों और मंडलों के अधिकारियों की बैठक कर परफारमेंस रिपोर्ट तैयार करने का सरकार का फैसला सराहनीय है। इससे विकास कामों में तेजी आएगी और ऐसे अफसरों की पहचान भी हो सकेगी जो जनहित के कामों में रूचि नहीं ले रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ऐसे अफसरों और कर्मचारियों को चिन्हित कर रहे हैं जो जनता के कामों को लेकर उदासीन हैं या लापरवाह हैं। ऐसे अफसरों और कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू हो चुकी है।

शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था बेहतर करने की दिशा में तेजी से फैसले ले रहे हैं और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आने लगे हैं। कानून व्यवस्था को और चुस्त दुरूस्त बनाने के लिए सरकार ने हर महीने जिले और मंडल स्तर पर कानून व्यवस्था और विकास योजनाओं की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसके और अच्छे परिणाम सामने आएंगे। पांच महीनों के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अधिकारियों को बिना किसी दबाव के काम करने की पूरी आजादी दी है। ईमानदार और कर्मठ अफसरों – कर्मचारियों को सरकार ने पूरा संरक्षण दिया है। ऐसे तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने काम से जनता के हित में अच्छे फैसले भी लिए हैं और सरकार ने ऐसे अफसरों – कर्मचारियों की सराहना कर उनका मनोबल भी बढ़ाया है। पर कुछ अधिकारी अभी भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहे हैं। ऐसे में समीक्षा बैठक कर ऐसे अफसरों की परमारमेंस रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी जो अच्छा, औसत और खराब काम कर रहे हैं। इस परफारमेंस रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों और कर्मचारियों के कामों की गहन समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि श्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जनहित की तमाम योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने में दिन रात जुटी हुई है। मुख्यमंत्री जी और उनकी टीम दिन रात इस काम में लगी हुई है और इसी दिशा में जिलों के दौरे भी किए जा रहे हैं। ऐसे में समीक्षा बैठकों के जरिए विकास योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी और सीधे मुख्य सचिव इसकी मानीटरिंग करेंगे। श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकार जनता के हितों से जुड़े मसलों और कानून व्यवस्था को लेकर कोई भी समझौता नहीं करेगी। इसीलिए नकारा कर्मचारियों और अफसरों की छंटनी का अभियान भी शुरू कर दिया गया है। सरकार उन कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ है जो ईमानदारी और मेहनत से अपना काम कर रहे हैं पर ऐसे अफसरों और कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है जो जनता से जुड़े मसलों और सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में अभी भी गड़बड़ी कर रहे हैं।