बर्कले: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में युवा छात्रों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने भारत के इतिहास, राजनीति, गरीबी, वैश्विक हिंसा और राजनीति पर बात की. इस दौरान उन्होंने यूपीए सरकार और फिर मोदी सरकार पर भी बोला.

यूपीए सरकार के बारे में राहुल गांधी ने कहा, साल 2012 के आस-पास कांग्रेस पार्टी में अहंकार आ गया था. हमने लोगों से संवाद करना बंद कर दिया था. इसका खामियाजा हमें साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा. बता दें कि साल 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था और उसे सिर्फ 44 सीटों पर ही जीत मिली थी. राहुल गांधी ने बर्कले में वंशवाद से लेकर मोदी सरकार के काम का जिक्र भी किया.

राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज नफरत और हिंसा की राजनीति का बोलबाला है. लेकिन हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि हिंसा में मैंने अपनी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) को खोया. मुझसे बेहतर हिंसा को कौन समझेगा. उन्होंने कहा, 'जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था. मुझे पता है कि हिंसा से क्या नुकसान हो सकता है. जब आप अपने लोगों को खोते हैं, तो आपको गहरी चोट लगती है.'

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अहिंसा की विचारधारा आज खतरे में है, हालांकि यही एक ऐसी विचारधारा है जो मानवता को आगे ले जा सकती है. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लागू की गई. नोटबंदी से फायदे की बजाय जीडीपी में गिरावट आई है.

राहुल गांधी ने मोदी सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा, मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. इसके लिए पूरी मशीनरी चल रही है. 1000 लोग कंप्यूटर लेकर बैठे हैं और मेरे बारे गालियां फैला रहे हैं. इस मशीनरी को लीड ऐसे लोग कर रहे हैं जो सरकार चला रहे हैं.

राहुल ने कहा, ये मशीनरी मुझे अनिच्छुक राजनीतिज्ञ बताते हैं. वे कहते हैं कि मैं पार्ट टाइम राजनीति करता हूं, मैं मुर्ख हूं. यह काम पूरी मशीनरी कर रही है.

मोदी सरकार आरटीआई को खत्म करने का प्रयास कर रही है. यूपीए सरकार ने देश को आरटीआई दिया, जिससे पारदर्शिता आ सके. हम इसीलिए फंसे क्योंकि देश में आरटीआई जैसी चीज थी. मोदी सरकार अब इसे खत्म करना चाहती है.

राहुल गांधी ने कहा, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कंप्यूटर के बारे में बात की थी, उसका विरोध हुआ था. बीजेपी के नेता जो बाद में भारत के पीएम बने थे, उन्होंने भी कंप्यूटर का विरोध किया था.