बर्कले: राहुल गांधी ने यूएस की Berkeley यूनिवर्सिटी में भाषण दिया। वहां उन्होंने अहिंसा की अहमियत पर बात की। उन्होंने केंद्र सरकार के नोटबंदी वाले फैसले पर निशाना भी साधा। राहुल ने कहा कि अहिंसा ही वह रास्ता है जो भारत में रहने वाले इतने सारे लोगों को एकसाथ बढ़ने का मौका देता है। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा जब इंदिरा गांधी से पूछा गया था कि भारत ‘लेफ्ट जाएगा या फिर राइट’ तो उन्होंने कहा था कि भारत सीधा खड़ा होगा और बढ़ेगा। राहुल ने आगे कहा कि इतिहास में कोई देश ऐसा नहीं रहा है जिसने भारत के मुकाबले लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला हो। राहुल गांधी से पूछा गया कि वह कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे? इसपर राहुल ने कहा हां मैं तैयार हूं, पार्टी में यह तय करने के लिए एक प्रक्रिया है जो कि जारी है। पार्टी मिलकर इसपर फैसला लेगी।

अर्थव्यवस्था पर राहुल ने कहा कि छोटे और मध्य व्यापारी भारत का आधार हैं। फिर राहुल ने बढ़ रही हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया। राहुल ने कहा कि अब अहिंसा के विचार पर हमला हो रहा है, लेकिन यह ही एक रास्ता है जो कि मानवता को आगे लेकर जा सकता है। राहुल ने कहा कि नफरत, गुस्सा और हिंसा हमको खत्म कर सकती है, उन्होंने कहा कि धुव्रीकरण की राजनीति काफी खतरनाक होती है।

नोटबंदी पर बोलते हुए राहुल ने कहा कि ऐसे फैसले मुख्य आर्थिक सलाहकार और संसद को बिना बताए या पूछे लिए गए थे। राहुल ने कहा कि इसकी वजह से काफी नुकसान हुआ। राहुल ने कहा कि भारत को चीन से अलग चलकर एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने होंगे। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस सरकार नीतियों और आगे के प्लान के बारे में बात करती है थोपती नहीं है।

राहुल ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों पर भी बात की। राहुल ने कहा कि वह न्याय का इंतजार कर रहे लोगों के साथ हैं और वह हर तरह की हिंसा का विरोध करते हैं। राहुल ने आगे कहा अगर मैं हिंसा को नहीं समझूंगा तो कौन समझेगा? मैंने अपने पिता और दादी को हिंसा में ही खोया है।