चित्तौड़: रोहिंग्या शरणार्थियों के मसले पर सरकार के मंत्रियों के बयान से आहत आल इंडिया उलमा मशायाख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि अनर्गल बयानबाज़ी बंद करें और मानवता की सेवा के लिये रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद का हाथ बढ़ाये सरकार ।

उन्होंने कहा संयुक्त राष्ट्र उच्चायोग ने भी साफ कह दिया है कि शरणार्थियों को खतरे वाली जगह पर वापस नहीं भेजा जा सकता यह नियम सभी राष्ट्रों के लिये बाध्यकारी है ।इस सिद्धांत को अंतरराष्ट्रीय कानून का हिस्सा माना जाता है इसलिए यह सब देशों पर लागू होता है चाहे उन्होंने शरणार्थी समझौते पर हस्ताक्षर किये हों या नहीं ।
हज़रत ने साफ कहा अब सरकार अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करे कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करेगी या नहीं इसके लिये मंत्रियों को अनर्गल बयानबाज़ी करने की कोई ज़रूरत नही है क्योंकि राजनैतिक लाभ और राष्ट्रहित अलग अलग है ।राष्ट्रहित और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है इससे समझौता नहीं किया जा सकता।
हज़रत ने साफ कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को अपने विभाग की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए,वक्फ की लूट पर लगाम लगानी चाहिये न कि अनर्गल बयानबाज़ी करनी चाहिए।

उन्होंने एक बार फिर भारत सरकार से मांग की रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में रहने दिया जाय जबतक बर्मा में हालात सामान्य नहीं हो जाते और बर्मा सरकार से नरसंहार को रोकने के लिये कहे।हज़रत ने लोगों से इन शरणार्थियों की भरसक मदद करने की अपील भी की।