नई दिल्ली: भागलपुर के सैंडिस स्पोर्ट्स ग्राउंड में सृजन के दुर्जनों का विसर्जन करने पहुंचे राष्ट्रीय जनता दल के सभी बड़े नेताओं ने एकसुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव इस मौके पर फिर अपने पिता लालू प्रसाद के अंदाज में नजर आए। सिर पर हरे रंग का मुरेठा बांधे तेज प्रताप ने सृजन के बहाने कहा कि वो घोटाले में शामिल किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं। तेज प्रताप ने माइक वालों से कहा कि जरा आवाज बढ़ाइए ताकि जनता को सबकुछ साफ-साफ सुनाई दे।
तेज प्रताप ने भाषण के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा और कहा कि इस उम्र में हाफ पैंट पहनते हो शर्म नहीं आती। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ हिंदू-मुसलमान को आपस में लड़ाने का काम करते हैं लेकिन हमने आरएसएस को खत्म करने के लिए डीएसएस बनाया है। तेज प्रताप ने कहा कि इस साल जनवरी में प्रकाश पर्व के दौरान जब उन्हें और उनके पिता को नीतीश कुमार ने जमीन पर बैठाया था, तभी समझ में आ गया था कि कुछ गड़बड़ है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जनता को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि सृजन के घोटालेबाजों को हम लोग छोड़ेंगे नहीं,उनका विसर्जन कर के रहेंगे।

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति द्वारा सरकारी राशि के करोड़ों रूपये के गबन को ”महाघोटाला” की संज्ञा देते हुए मांग कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गबन की गयी इस सरकारी राशि के पाई-पाई का हिसाब देना होगा। लालू ने इस दौरान कहा कि सीबीआई के अफसर इस रैली में भी होंगे। आपसे हमारा कोई वैर नहीं है। आप अभी छोटी मछली पकड़ रहे हैं। नीतीश कुमार, सुशील मोदी, अश्विनी चौबे पर आपने केस क्यों नहीं किया? उन्होंने आगे कहा कि मैं भागलपुर के पत्रकारों को धन्यवाद देता हूं, आप लोगों ने रात-दिन मेहनत करके सृजन का परत दर परत खोला वर्ना इन्होने तो घोटाले को दबा दिया था।
उन्होंने नीतीश पर सत्ता का ”लालची” होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वे (नीतीश) गद्दी पर ही मरना चाहते हैं। मैंने नीतीश को छोटा भाई मानकर तिलक लगाया था।’’ लालू ने कहा, ‘‘अगर मैं नहीं होता तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह नीतीश को चबाकर पान की तरह थूक देते।’’उन्होंने कहा कि अपनी बीमारी के बावजूद पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश घूम-घूमकर चुनावी सभा की और महागठबंधन को विजयी बनाया।
लालू ने कहा कि उन्होंने महागठबंधन धर्म का पालन किया। अधिक सीटें हासिल करने के बाद भी नीतीश को तिलक (मुख्यमंत्री) लगाया। उन्होंने नीतीश के महाठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर प्रदेश की नई सरकार बनाने लेने की ओर इशारा करते हुए नीतीश को ”पलटू राम” की संज्ञा दी और आरोप लगाया कि तेजस्वी के कामकाज से नीतीश का माथा ठनकने लगा।