लखनऊ। राणाप्रताप मार्ग मोतीमहल वाटिका लान लखनऊ में वर्ष 2003 से निरंतर होता आ रहा पन्द्रहवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला 8 सितम्बर से 17 सितम्बर तक चलेगा। दि फेडरेशन आॅफ पब्लिशर्स एण्ड बुकसेलर्स एसोसिएशन्स इन इण्डिया, नई दिल्ली व फोर्स वन के सहयोग से हो रहे के.टी.फाउण्डेशन का ‘खूब पढ़ो-खूब बढ़ो’ थीम पर आधारित यह आयोजन बच्चो-बड़ों सभी को समर्पित होगा। उद्घाटन मुख्यअतिथि के तौर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैरुल हसन रिज़वी आठ सितम्बर को शाम पांच बजे करेंगे। निःशुल्क प्रवेश वाले मेले में पुस्तक प्रेमियों को हमेशा की तरह न्यूनतम 10 फीसदी की छूट मिलेगी।

यशपाल, भगवती बाबू और अमृतलाल नागरजी की इस साहित्यिक नगरी का बहुप्रतीक्षित वार्षिक उत्सव बन चुके इस पन्द्रहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले के बारे में आयोजक फाउण्डेशन के संयोजक मण्डल मनोज सिंह चंदेल, आस्था ढल व आकर्षण जैन ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वर्चुअल वल्र्ड की ओर बढ़ती दुनिया में किताबों का महत्व पहले से बढ़ा ही है। मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कहलाने वाली किताबें एक लम्बे अरसे से व्यक्ति और समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती आ रही हैं। उद्घाटन दिवस अवध साहित्यश्री सम्मान से प्रतिष्ठित लेखक गोपाल चतुर्वेदी को नवाजा जायेगा।

देश के प्रमुख प्रतिष्ठित पुस्तक मेलों में शुमार 15 वर्षों से बराबर आयोजित इस पुस्तक मेले में प्रभात, राजकमल, सामयिक, लोकभारती, साहित्य भण्डार, साधना, पी.एम.पब्लिकेशन्स, प्रतीक बुक्स, आरुषि बुक्स, जय बुक्स, विधि बुक्स, आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, वाइली इण्डिया, कोरस, स्काॅलर हब, गिडान्स, गोमती एजेन्सीज, पद्म बुक, बुक अफेयर्स आदि के स्टाल तो होंगे ही, साथ ही कई नये संस्थान शामिल हांेगे। गंगा जमुनी तहजीब के शहर में चलने वाले इस पुस्तक मेले में फिर इस बार ‘डाॅक्टर से मिलिए’ कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सक नेत्र रोग, किडनी, फेफड़ा व श्वसन रोग, मोटापे, ओरल हैल्थ, तनाव व आयुर्वेद जैसे विषयों पर हर शाम चार से पांच बजे तक जानकारी देने के साथ श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब देंगे। कथक, गजल, संगीत व नाटक जैसे कार्यक्रम विशिष्ट होंगे। साथ ही प्रदेश भर में पुस्तक मेले के संयोजक स्वर्गीय उमेश ढल की स्मृति में विशिष्ट कवि सम्मेलन व मुशायरा 10 सितम्बर की शाम, 13 सितम्बर को धनुर्विद्या प्रदर्शन और वारियर अकादमी की आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का कार्यक्रम 16 सितम्बर की शाम होगा। मेले की सफलता का श्रेय भागीदारों, प्रकाशकों और बड़ी तादाद में आने वाले पुस्तक प्रेमियों को जाता है। यहां दस दिन चलने वाले इस मेले का भागीदार प्रकाशकों व पुस्तक वितरकों कों इंतजार रहता है वहीं मेले में हजारों पाठक और खरीदार कई-कई बार आते हैं।

मेले में हमेशा की तरह इस वर्ष भी स्थानीय लेखकों के लिए अलग से निःशुल्क स्टाल की व्यवस्था है, जहां के अपनी पुस्तकें प्रदर्शन व बिक्री के लिए रखवा सकेंगे। ड्राइंग, फैंसी ड्रेस, नृत्य-गायन, श्लोक वाचन, शंख वादन, लेखन, क्विज, परिधान आदि की बाल व नवयुवा प्रतियोगिताओं का अलग रंग युवा मंच पर दिखाई देगा। मुख्य सांस्कृतिक मंच पर रामानुज त्रिपाठी, योगेश प्रवीन, सुनील बाजपेयी, नीरजा हेमेन्द्र, निलेश शर्मा, मूसा खान आदि की पुस्तकों के विमोचन, लेखक से मिलिए, साहित्यिक परिचर्चा कार्यक्रम और कवि सम्मेलन-मुशायरा आदि विविध मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन का आकर्षण होंगे। मेले के समापन समारोह में 17 सितम्बर की शाम चुनिंदा स्टाल धारकों व प्रमुख सहयोगियों को अतिथिगण सम्मानित करेंगे। इस मौके पर समाचार पत्र-इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों का आभार प्रकट करते हुए संरक्षक मुरलीधर आहूजा, डा.अमिता दुबे, आकर्ष चंदेल, बिन्दु जैन व ज्योति किरन रतन भी अपने विचार व्यक्त करने के साथ उपस्थित रहे।