नई दिल्ली: तीन साल पुरानी नरेंद्र मोदी सरकार का रविवार (3 सितंबर) को तीसरी बार फेरबदल होने जा रहा है लेकिन उससे पहले ही मंत्रियों के इस्तीफे होने शुरू हो गए हैं। अब तक चार मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है। इसके साथ ही भाजपा और मोदी सरकार के अंदर मंत्रियों के सुर बगावती हो गए हैं। मीडिया में चल रही इस्तीफे की चर्चा के बीच केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने रोष जाहिर किया है और बगावती तेवर दिखाते हुए कहा कि कि इस मसले पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या उनके द्वारा नामित व्यक्ति ही बोल सकता है। उन्होंने ट्विटर पर भी लिखा, “कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी। इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूँगी, न जवाब दूंगी।”

जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है, उनमें कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूढी भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस्तीफे से रूढी भी नाराज हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे पर अंसतोष जाहिर करते हुए टिप्पणी की कि यह फैसला मेरा नहीं, पार्टी का है। जाहिर है रूढी का ये जवाब साफ करता है कि उन्हें पार्टी ने दबाव देकर इस्तीफा लिया है। बता दें कि 21 अगस्त को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजीव प्रताप रूढी को बुलाकर उनके मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा की थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि रूढी की मंत्रिमंडल से छुट्टी होने वाली है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी कहा है कि पार्टी के फैसले का सम्मान करते हुए उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय को इस्तीफे से पहले ही भाजपा अध्यक्ष ने यूपी बीजेपी का अध्यक्ष मनोनीत किया है। सूत्र बताते हैं कि उन्हें भी जबरन सरकार से हटाकर संगठन में डाला गया है।