लखनऊ: नोटबंदी के बाद पहली बार RBI द्वारा जारी रिपोर्ट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि जिसका अंदेशा था रिजर्व बैंक आॅफ इण्डिया ने मोदी सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी इस शर्मानाक सच्चाई को स्वीकार कर लिया है कि ‘‘नोटबन्दी’’ के बाद 99 प्रतिशत करेंसी कानूनी रूप से बैंकों में साधिकार जमा हो गयी है, और जमा करने वाले वैधानिक रूप से उसके मालिक बन गये है । भारतीय जनतापार्टी का दावा था कि लगभग 25- 40 प्रतिशत तक देश में कालाधन प्रचलन में है, और निकला मात्र 01 प्रतिशत ।

श्री तिवारी ने कहा है कि यदि भारतीय जनतापार्टी के इस दावे पर यकीन किया जाय तो लगभग 25- 30 प्रतिशत कालाधन सफेद हो गया है । इस प्रकार मोदी जी की नोटबन्दी काले धन वालों के लिये ‘‘वरदान’’ साबित हुई है और वे मोदी सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं कि उनकी काली सम्पत्ति को उन्होंने सफेद कर दिया है । इससे परेशान और पीड़ित हुआ तो किसान, छोटे व्यापारी, मजदूर, आम आदमी और घरेलू महिलायें ।

श्री तिवारी ने कहा है कि एक तरह से यदि देखा जाय तो मोदी जी की बहाई गंगा में सभी काले धन वालों ने डुबकी लगा ली और भारतीय जनतापार्टी के कुम्भ में काले दामन वाले साफ सुथरे बन गये । यह इस शताब्दी का सबसे अधिक धनराषि का घोटाला है, अथवा यदि यह नीति ईमानदारी के साथ लागू की गयी थी तो मोदी सरकार को देष की जनता से खेद व्यक्त करते हुये क्षमा याचना करना चाहिए, किन्तु यदि इरादा घोटाले का था तो यह शताब्दी का सबसे बड़ा और कामयाब घोटाला था । दोनो ही हालात में देष का आम आदमी ठगा गया है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि देष की बैंकों में रु. 15.28 लाख करोड़ रुपये जमा हुआ , और जितना बचा उससे अधिक नई नाटों की छपाई में चला गया , यदि व्यापार में हुई गिरावट पर नजर डाली जाय तो देष की अर्थ व्यवस्था को अपूर्णनीय क्षति हुई है ।