पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने एनडीए में शामिल होने का फैसला कर लिया है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू की बैठक में एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पारित हो गया है। इस बैठक में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए। आपको बता देें कि महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर जेडीयू की बिहार इकाई के सर्वसम्मत फैसले के बाद एनडीए के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई।
दूसरी ओर पार्टी के बागी सदस्यों के साथ शरद यादव पटना में ही जन अदालत सम्मेलन कर रहे हैं। अभी उन पर जेडीयू ने कोई फैसला नहीं किया है। शरद पर जेडीयू के महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि पार्टी में कोई दरार नहीं है और ‘शरद यादव स्वेच्छा से छोड़कर गए हैं ।’ शरद यादव के मसले पर पार्टी 27 अगस्त को राजद की प्रस्तावित रैली का इंतजार करेगी। पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव वरिष्ठ नेता हैं। उन पर कोई भी फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी या परिषद में नहीं लिया जाएगा। पार्टी को 27 अगस्त का इंतजार है।
अगर वे लालू प्रसाद के साथ मंच पर गए तो वह बर्दाश्त की परीक्षा होगी। पार्टी उसके बाद कठोर निर्णय लेगी। जानकारी के अनुसार बैठक में पार्टी से बागी तेवर अपना रखे सांसद शरद यादव की गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, प्रवक्ता केसी त्यागी सहित कई नेताओं ने शरद यादव की गतिविधियों को पार्टी के खिलाफ माना। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव जावेद रजा और एमवी श्रेयंस कुमार को छोड़ बाकी सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव पहले ही पार्टी से निलंबित किए जा चुके हैं।

वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में सुलह समझौते की सभी संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई है। बिहार में बीजेपी से गठबंधन करने से नाराज शरद गुट ने शनिवार को पटना में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी का बहिष्कार करने का फैसला किया है। साथ ही इसके समानांतर अलग से अपनी बैठक करने का ऐलान किया है।
राज्यसभा में जदयू के उपनेता रहे अली अनवर अंसारी और पार्टी महासचिव पद से हटाए गए अरुण श्रीवास्तव ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, शरद गुट पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करने के लिए जल्द ही चुनाव आयोग का रुख करेगा।