पटना: बिहार विधान सभा में विरोधी दल के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक भागलपुर के सबौर में जनसभा का आयोजन होना था लेकिन ऐन मौके पर सरकार ने इजाजत देने से मना कर दिया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भागलपुर का सृजन एनजीओ घोटाला 2000 करोड़ रुपये की रकम को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि यह घोटाला नीतीश कुमार और सुशील मोदी के संरक्षण में चल रहा था इसीलिए ये दोनों नेता घोटाले के मुख्य आरोपियों और अपने चहेतों को बचाने में जुटे हैं। तेजस्वी ने कहा कि वो किसी भी सूरत में एक एनजीओ की लूट का मामला दबने नहीं देंगे और इसे सड़क से लेकर सदन तक उठाएंगे।

तेजस्वी ने सृजन घोटाले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में जल्द ही राजद का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई निदेशक से मिलकर उन्हें निष्पक्ष जांच के लिए ज्ञापन सौंपेगा। तेजस्वी भागलपुर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ बांका सांसद जयप्रकाश नारायण यादव, भागलपुर सांसद बुलो मंडल और राजद के भागलपुर जिलाध्यक्ष तिरुपति यादव भी मौजूद थे।

तेजस्वी जनादेश अपमान यात्रा के सिलसिले में समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया में सभाएं करते हुए बुधवार की रात एक बजे भागलपुर पहुंचे थे। यहां आने पर उन्हें जानकारी मिली कि उनके प्रस्तावित सभा स्थल सबौर के हाई स्कूल मैदान में जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है। सभा गुरूवार को होनी थी। यहां बताना जरूरी है कि एनजीओ सृजन, सरकारी बैंक के कर्मचारियों और अधिकारी की सांठगांठ से हुए 700 करोड़ रूपए से भी ज्यादा के फर्जीवाड़े की बुनियाद सबौर ही है। सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड का दफ्तर सबौर ब्लॉक की सरकारी जमीन पर है।