लखनऊ। मोतीमहल वाटिका लाॅन राणा प्रताप मार्ग में 20 अगस्त तक चलने वाले राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आज दिन में हुई बरसात के बाद शाम को खुशनुमा माहौल में पुस्तक प्रेमियों की बड़ी तादाद दिखाई दी।

मेले में आने वाले नौजवानों की रुचि उच्च अध्ययन की किताबों में है तो पुस्तक प्रेमियों का एक वर्ग ऐसा भी है जो अध्यात्मिक किताबों की तलाश मेले में कर रहा है। गायत्री ज्ञान मंदिर के स्टाल पर आचार्य श्रीराम शर्मा का सम्पूर्ण साहित्य है तो ओशो वल्र्ड व ओशों बुक्स के स्टाल पर आचार्य रजनीश की पुस्तकें, सीडी व पत्रिकाओं का अच्छा कलेक्शन है। वैदिक रिवोल्यून मिशन में वैदिक साहित्य है। यहां स्वामी दयानन्द सरस्वती की चर्चित पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ मात्र 35 रुपये में उपलब्ध है। संत निरंकारी मिशन में भी अध्यात्मिक साहित्य है। सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर बौद्ध साहित्य है तो कबीर ज्ञान केन्द्र के स्टाल पर किताबों के साथ ही निगुर्ण सीडी-डीवीडी भी उपलब्ध हैं। साहित्य भण्डार के स्टाल पर दो सौ चुनिंदा लेखकों की 50-50 रुपये की शृंखला में निकाली पुस्तकें साहित्य प्रेमियों को भा रही हैं।

मेले की गतिविधियों में काव्य रचना की ओर उन्मुख नवयुवा प्रतिभाओं के लिए आज का दिन खास रहा। सुबह मेला मंच पर नालेज हब की ओर से नये हस्ताक्षर प्रतियोगिता आयोजित की गई। माइक पर रचना पाठ करने आए कुल 22 प्रतिभागियों में निर्णायक मण्डल के संजय मिश्र शौक, मंजुल मंजर, रूपा पाण्डेय व सुधा शुक्ला ने मुकेशकुमार मिश्र को प्रथम, इफ्फत जहरा रिजवी को द्वितीय व सचित मेहरोत्रा को तृतीय पुरस्कार के लिए चुना। संयोजक देवराज अरोड़ा ने बताया कि इनके साथ ही समापन समारोह में आशीष पाठक, सौरभ शुक्ल, कंचन सक्सेना, हेमंत सोनी, दीक्षा सविता, अमित रावत, अमर यदुवंशी और मोहित भट्ट आदि सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किये जाएंगे। इसी क्रम में आज शाम रिदम फाउण्डेशन के अश्विनी रंजन के संयोजन में सिरमौर कला सम्मान-2017 से ज्योतिष, संगीत, कला, चिकित्सा आदि विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों डा.बृजेश शुक्ल, डा.कमला श्रीवास्तव, राज खुशीराम, जस्टिस ज्ञानचन्द्रा, डा.प्रदीप श्रीवास्तव, डा.मालविका, डा.सूर्यपाल गंगवार, प्रो.एस.पी.सिंह, पवन गंगवार, अजय मिश्र, महेन्द्र भीष्म, डा.सूर्यकान्त, पुनीत अस्थाना व पृथ्वीराज चैहान को प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेन्द्र सिंह आमंत्रित थे। इससे पहले राही मासूम रजा व्यक्तित्व और उनकी कहानियों पर चर्चा विद्वानों की उपस्थिति में की गई। दाना पानी की ओर से गौरव मिश्रा, डा.निर्मल दर्शन, सर्वेश अस्थाना, अनूपमणि त्रिपाठी की उपस्थिति में बाल भवन दिल्ली की पूर्व निदेशक लेखिका डा.मधु पंत ने दादी-नानी की कुछ कहानियां सुनाकर श्रोताओं को बचपन की यादें ताजा करा दीं।