लखनऊ: हमारे प्यारे देश भारत को स्वतंत्रता करने में उलेमा और मशाईख का अहम रोल रहा है। अल्लामा
फ़ज़्ले हक़ खैराबादी ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले जिहाद का फतवा दिया और मोलाना
हसरत मोहानी जिन्होंने ( इंक़ेलाब जिन्दाबाद) पुरजोश नारा दिया और संपूर्ण स्वतंत्रता की
मांग की। मगर अफ़सोस हमने उन स्वतंत्रता सेनानियों को भुला दिया जिनके महान बलिदान के
कारण आज हम स्वतंत्र देश में सांस ले रहे हैं।

मौलाना ने आगे कहा कि हम मुसलमान अपने देश से प्यार करते हैं और उसकी रक्षा के लिए
अपने पूर्वजों की तरह कोई बलिदान देने से पीछे नहीं हटेंगे। उक्त विचार ऑल इंडिया उलमा व
मशाईख बोर्ड, लखनऊ के अध्यक्ष मौलाना इश्तियाक कादरी ने मखदूम शाह मीना के आस्ताने पर
आयोजित (एक शाम आज़ादी के परवानों के नाम ) कार्यक्रम में व्यक्त किया।

मौलाना आले रसूल अहमद कादरी कहा कि आज हम आज़ादी के उन परवानों के करने के लिए
इकट्ठे हुए हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया यहां तक ​​कि
अपनी जान का नज़राना भी पेश कर दिया। मौलाना ने आगे कहा कि हम अपने देश से प्रेम करते
हैं और उसकी आन-बान और शान के लिए अपना सर कटाने में सबसे आगे रहेंगे।

कार्यक्रम में रमजान अशरफी, मौलाना गुलाम रब्बानी फ़ैज़ी, हाफिज तौफ़ीक़ रिजवी, असद कुरैशी,
मुफ्ती नसीम अख्तर के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। प्रोग्राम का समापन मुजाहिदीन
आज़ादी के इसाले सवाब और देश में शांति की दुआ पर हुआ।