लखनऊ: पारिवारिक कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए शुक्रवार का दिन नई परेशानी लेकर आया. मुस्लिम समाज के 26 नेताओं ने आज सपा से सामूहिक इस्तीफा देकर पार्टी और अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

जानकारी के मुताबिक, अगस्त क्रांति दिवस और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजबली यादव की 18वीं पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में संपन्न हुए समाजवादी पार्टी की 'देश बचाओ-देश बनाओ' रैली के 24 घंटे बाद ही उपेक्षा से नाराज मुस्लिम समाज के 26 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

इसके साथ ही सपा नेता व पूर्व विधायक आनंद सेन ने आयोजकों पर तीखा हमला बोला है. पूर्व विधायक की नाराजगी की वजह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजबली यादव के संघर्षों के साथी पूर्व सांसद मित्रसेन यादव के योगदान को कार्यक्रम के मंच से उनको याद न करना इसके अतिरिक्त स्वतंत्रता सेनानी राजबली यादव के साथ 'धरती हमारी है' नाटक का मंचन करने वाले रामपाल यादव और राजबली यादव की पुत्री विद्यावती यादव के मंच पर मौजूदगी के बाद भी सपा अध्यक्ष से न मिलाकर अनदेखी करना है.

'देश बचाओ-देश बनाओ' रैली में उपेक्षा से नाराज मुस्लिम समाज के नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देकर आरोप लगाया गया कि अखिलेश यादव के आगमन पर जानबूझकर उनकी उपेक्षा की गई. साथ ही न तो उन्हें गुलदस्ता भी देने दिया गया और ना ही राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने ही दिया गया. इसके चलते सभी ने एक साथ इस्तीफा देकर अपना रोष व्यक्त किया है.

दूसरी तरफ आहत पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से तथ्यों को जानबूझकर छिपाया गया. उन्होंने कहा कि राजबली यादव की बेटी विद्यावती यादव के मंच पर मौजूद होने के बावजूद उन्हें पूर्व सीएम अखिलेश यादव से नहीं मिलाया गया.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ हमेशा लड़ती रही ऐसे में मंच पर मुस्लिम नेताओं की अनदेखी भी समझ से परे है.