नई दिल्ली: जेपी इंफ्राटेक दिवालिया घोषित हो गया है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल (एनसीएलटी) ने बिल्डर को दिवालिया घोषित किया है. जानकारी के अनुसार जेपी बिल्डर पर 8365 करोड़ का कर्ज है. एनसीएलटी ने जेपी बिल्डर को 270 दिनों का समय दिया है. अगर इस अगले 9 महीने में हालात नहीं बदले तो संपत्ति भी नीलाम होगी.

इसके बाद से उत्तर प्रदेश में जेपी बिल्डर से मकान, फ्लैट खरीदने वालों हजारों लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. नोएडा, ग्रेटर नोएडा में जेपी के कई प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं. एक अनुमान के मुताबिक जेपी बिल्डर के करीब 32 हजार फ्लैट निर्माणाधीन हैं.

ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच ने आईडीबीआई बैंक की याचिका पर जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित कर दिया.

आपको बता दें कि कुछ समय पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के एनपीए को कम करने की दिशा में कार्रवाई करते हुए 12 डिफॉल्टर्स की पहचान की थी.

इन 12 खातेदारों पर बैंकों का करीब 5000 करोड़ रुपए से भी अधिक बकाया था. कुल एनपीए का 25 फीसदी इन 12 खातेदारों के नाम पर था. इन्हीं 12 खातेदारों में से जेपी इंफ्राटेक एक है. आरबीआई ने बैंकों को इन 12 खातेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दे दिया था. बैंकों की तरफ से इन खातेदारों के खिलाफ दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता यानी आईबीसी के तहत कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.