लखनऊ: बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि मामले में शिया वक्फ बोर्ड द्वारा अदालत में दाखिल किए गए हलफनामे को मजलिसे ओलमाए हिंद की सलाहकार समिति एवं कार्यकारिणी के सदस्यों ने बोर्ड के इस निर्णय को शिया व सुन्नियों मंे मतभेद पैदा करने का हथकंडा बताते हुए कहा कि इस बयान पर शिया और सन्नी ध्यान न दें। मजलिसे ओलमाए हिंद के सदस्यों ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड ने जो हलफनामा अदालत में दाखिल किया है उस मैं कई विरोधाभास है।एक तो यह कि मस्जिद का कोई मालिक नहीं होता है, वक्फ बोर्ड केवल केयर टेकर होता है, उसकी हेसीयत मालकाना नहीं होती।दुसरे ये कि मस्जिद न शिया होती है न सुन्नी, मस्जिद अल्लाह का घर है और इबादत के लिए होती है,मस्जिद का देख रेख करने वाला और मुतवल्ली शिया व सुन्नी हो सकते है।ओलमा ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और वक्फ संपत्ति के बचाव के लिए ओलमा पिछले कई वर्षों से मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे हैं आज जनता को समझ लेना चाहिए कि वक्फ बोर्ड का रुख किया है और वह क्या चाहता है।

अदालत में दाखिल हलफनामे को बेवकअत एवं बेहैसियत बताते हुये ओलमा ने कहा कि चूंकि चेयरमैन शिया वक्फ बोर्ड को विभिन्न जांच एजेंसियों ने वक्फ में भ्रष्टाचार,खुर्द बुर्द और अवैध रूप से संपत्ति को बेचने का दोषी पाया है इसलिए वह अपने अपराध पर पर्दा डालने के लिए और हमर्ददी एवं सहानुभूति हासिल करने के लिए एसे काम कर रहा है,यह कतई शियों का रुख नहीं है।ओलमा ने कहा कि वक्फ बोर्ड शियों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता, शियो के लिए किसी भी मसएले में मराजए किराम का निर्णय ही अंतिम होता है। ओलमा ने शिया व सुन्नी दोनों समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बयान पर शिया व सुन्नी बिलकुल ध्यान न दें। इस बयान की कोई शरई और कानूनी हैसीयत नहीं है, शिया व सुन्नी में मतभेद पैदा करने के लिए यह हथकंडा आजमाया गया है।ओलमा ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अपने अपराध पर पर्दा डालने के लिए और सहानुभूति हासिल करने के लिए ऐसे बयान दे रहा है ।इस बयान हैसीयत नहीं है।

मौलाना हुसैन मेहदी हुसैनी अध्यक्ष मजलिसे ओलमाए हिंद, मौलाना मोहसिन तकवी इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद दिल्ली एवं उपाध्यक्ष, मौलाना नईम अब्बास नोगावां सादत उपाध्यक्ष, मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी महासचिव, मौलाना आबिद अब्बास (सचिव दिल्ली) मौलाना अली हैदर गाजी (अध्यक्ष दिल्ली) मौलाना जलाल हैदर नकवी सचिव, मौलाना करामत हुसैन जाफरी जवाइंट सचिव, मौलाना रजा हुसैन कोषाध्यक्ष, मौलाना तसनीम मेहदी प्रकाशन सचवि, मौलाना सफदर हुसैन जौनपुर,मौलाना अतहर अब्बास सचिवए,मौलाना रजा अबिद गरवी सचिव,एंव अन्य ओलमा ने इस बयान को बेहैसीयत बताया।