बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा और उसकी सेना हर हमले को विफल करने के लिए आश्वस्त है। शी ने 23 लाख जवानों वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विशेष आयोजन में अपने संबोधन में ये बातें कही।

शी जिनपिंग ने कहा है कि हम किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी हिस्से को देश से कभी भी, किसी भी रूप में अलग करने की इजाजत नहीं देंगे। शी की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब चीन और भारत के बीच सिक्किम सेक्टर में गतिरोध चल रहा है। शी (64) ने कहा है कि चीनी जनता शांतिप्रेमी है। हम कभी आक्रामकता दिखाने या अपने क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश नहीं करते लेकिन हमें यह यकीन है कि हम हर किस्म के हमले को विफल कर सकते हैं।

ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि किसी को भी हमसे यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों के लिए नुकसानदायक कड़वे फल को निगल जाएंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ली क्विंग, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी मौजूद थे। तीन दिन में यह दूसरी बार है, जब शी ने हमलों को विफल करने की पीएलए की क्षमताओं की बात की है। 30 जुलाई को एक बड़ी परेड के दौरान शी ने कहा था कि मेरा मानना है कि हमारी बहादुर सेना में सभी हमलावर दुश्मनों को हराने का यकीन एवं योग्यता है।

शी के पूर्व के ही संबोधन की तरह उनके इस संबोधन में भी भारत और चीन के बीच सिक्किम सेक्शन के डोकलाम में चल रहे सैन्य गतिरोध का कोई जिक्र नहीं था। उनकी यह टिप्पणी एक ऐसे समय पर आई है, जब यहां विदेश और रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर बड़े मीडिया अभियान चलाकर आरोप लगा रहे हैं कि भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पिछले माह ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष यांग जीची के साथ अलग से वार्ता की थी। दोनों ही देशों ने इन वातार्ओं के नतीजे पर चुप्पी साध हुई है।