लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज यहाँ कहा कि कल बिहार प्रदेश में व इसके पूर्व में भी देश के अन्य कई और राज्यों में जो कुछ भी राजनैतिक घटनाक्रम आये दिन हमें होते हुये देखने के लिये मिल रहे हैं, तो यह सब अपने देश के ‘‘लोकतन्त्र’’ के लिये शुभ संकेत नहीं हैं।
और इससे अब अपने देश का लोकतन्त्र मजबूत होने की बजाय ज्यादातर कमजोर ही होगा और अब इसे अपने देश की आमजनता को ही आगे आकर कमजोर होने से बचाना होगा।

मायावती ने कहा कि भाजपा की सत्ता की भूख और उसके लिये सत्ता व सरकारी मशीनरी का हर प्रकार से जबर्दस्त दुरूपयोग देश के लोकतन्त्र के लिये लगातार खतरा बनता जा रहा है तथा माणिपुर व गोवा के बाद अब बिहार का ताजा राजनीतिक घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार में लोकतंत्र का भविष्य खतरे में है।

बिहार के मुख्यमंत्री व जनता दल (यूनाइटेड) नेता नीतीश कुमार द्वारा कल बीजेपी-विरोधी महागठबन्धन को तोड़कर और फिर उसके अगले ही दिन आज बीजेपी से मिलकर नई सरकार बनाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि यह बिहार की जनता के साथ यह धोखा है व विश्वासघात है।

बिहार की जनता ने कथित मोदी लहर के विरूद्ध बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करारी हार देते हुये यहाँ धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के महागठबन्धन को प्रचण्ड बहुमत दिया था जिसका सम्मान अगले पाँच वर्षों तक अवश्य ही किया जाना चाहिये था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिसे सही मानना मुश्किल है।
वास्तव में माणिपुर व गोवा में लोकतंत्र की हत्या करके वहाँ सरकार बनाने के बाद अब जो कुछ बिहार में हुआ है वह प्रतिपक्ष के खिलाफ सरकारी मशीनरी के जबर्दस्त दुरूपयोग का ही परिणाम कहा जायेगाा क्योंकि बीजेपी ने अपनी गलत नीतियों, कार्यों व भ्रष्टाचार आदि पर से लोगों का ध्यान बाँटने के लिये प्रतिपक्षी नेताओं को भ्रष्ट साबित करने का खुला अभियान चलाया हुआ है, जो अति-निन्दनीय के साथ-साथ लोकतन्त्र के लिये खतरा भी है।