लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनमानी करने वाले बिल्डरों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, अवैध कालोनियां बसाई जा रही हैं और भुगतना सरकार को पड़ रहा है। बिल्डर और खरीदार के बीच समस्या है। नोएडा में खरीदारों की ओर से शिकायतें मिली हैं। इसे खत्म करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार का आधार विश्वास है और इस कसौटी पर खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि नौकरशाही की अकर्मण्यता के चलते बहुत सी योजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में क्रेडाई के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि उनकी सरकार ने अनुभव किया है कि बिल्डरों और आवंटी के बीच बड़ी समस्या है। बिल्डर जो घर बना रहे हैं, वे बहुत ज्यादा महंगे हैं। गरीब ऐसे मकानों को ले नहीं पा रहे हैं। सबसे अधिक शिकायतें नोएडा की हैं। नोएडा में आवासीय योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। दस लाख रुपये देने वाला भी परेशान है और पांच करोड़ देने वाला भी। नोएडा में डेढ़ लाख लोगों ने बिल्डरों को पूरा पैसा दे रखा है, लेकिन उन्हें मकान नहीं मिला। इससे आन्दोलन का माहौल पैदा हो रहा है। हर तबके का व्यक्ति इसके चलते परेशान है। उन्होंने बिल्डरों से कहा कि जिन लोगों का घर वे बनाना चाहते हैं, अगर उनका विश्वास खोएंगे तो उनके सामने बड़ी चुनौती होगी।

योगी आदित्यनाथ यहीं नहीं रुके। कहा, छोटी-छोटी अवैध कालोनियां बसाई जा रही हैं। उसमें न तो सड़क होती हैं, न नाली, न सीवर होता है और न पानी। कालोनी बसाने के बाद लोग चाहते हैं कि ऐसी कालोनियां नगर निगम को सौंप दी जाएं। अवैध कॉलोनियां बनाकर कुछ लोगों ने मुसीबत पैदा कर रखी है। लोग मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ रहा है। अवैध कालोनियों को वैध करने में बहुत पूंजी की जरूरत होगी। क्रेडाई को इसके लिए आगे आना होगा ताकि वह लोगों को इसके प्रति जागरूक कर सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि 2022 तक सभी के पास अपना मकान हो। यूपी के ग्रामीण इलाकों में 48 लाख लोगों के पास मकान नहीं है। शहरों में बड़ी आबादी के पास अपना मकान नहीं है। राज्य सरकार इसी साल प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख और शहरी क्षेत्रों में दो लाख लोगों को मकान उपलब्ध कराएगी। छह लाख से ज्यादा आवासों के लिए धनराशि आवंटित की गई है। शहरी क्षेत्रों में सरकार लोगों को 3.34 लाख रुपये में दो कमरों के मकान देगी। नगर विकास विभाग ने इन मकानों का मॉडल तैयार कर लिया है। इन मकानों के लिए 1.50 लाख रुपये केंद्र तथा एक लाख राज्य सरकार अनुदान देगी। एक लाख रुपये आवंटी को देना होगा। जो लोग इसे भी नहीं दे पाएंगे उन्हें बैंकों से कर्ज दिलाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में मकान बनाने के लिए 1.20 लाख तथा शौचायलय के लिए 12 हजार रुपये अलग से दिया जाएगा। अगर कोई स्वयं अपना मकान बनाना चाहता है तो उसे 15 हजार रुपये और दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में आवास के लिए बजट में 3000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। स्वच्छ भारत मिशन के लिए 3255 करोड़ का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री ने बिल्डरों के साथ अफसरों को भी सचेत किया। कहा कि नौकरशाही की अकर्मण्यता के चलते बहुत सी योजनाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। राज्य सरकार आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसी 26 जुलाई को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) पोर्टल लांच करने जा रही है, ताकि आवंटियों को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि यूपी में अपार संभावनाएं हैं। सिर्फ विश्वास से जोड़ने की जरूरत है। हर विभाग के जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। प्रदेश के सभी बिल्डर 26 से 31 जुलाई तक रेरा के तहत अपना पंजीकरण करा लें।