नई दिल्ली: राज्यसभा में आज समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल के बयान पर जमकर हंगामा हुआ. हंगामा इतना बढ़ा कि आखिरकार राज्यसभा के उप सभापति को सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित करनी पड़ी. नरेश अग्रवाल ने ऐसी बात कही जिसके बारे में बीजेपी ने आरोप लगाया कि इससे हिंदू देवी देवताओं का अपमान होता है.
राज्यसभा के उप सभापति ने नरेश अग्रवाल के बयान को कार्यवाही से बाहर निकाल दिया. जबकि बीजेपी लगातार नरेश अग्रवाल से माफी मांगने की मांग करती रही.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि 1991 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कई 'रामभक्त' जेल गए थे. उस वक्त कई स्कूलों को अस्थाई जेल बना दिया गाया था. ऐसे एक जेल में वो भी गए थे. उन्होंने वहां की दीवार पर 'रामभक्तों' द्वारा लिखे हुए दो लाइन देखे थे. उन दो लाइनों को उन्होंने सदन को सुनाया. इनमें हिंदू देवी-देवताओं को लेकर विवादस्पद बातें कही गईं थीं.
उनके द्वारा सुनाई गई इन पंक्तियों पर सदन में हंगामा होने लगा. बीजेपी के सदस्य उनसे माफी की मांग करने लगे. 'श्री राम का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए गए. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और अनंत कुमार ने कहा कि सदन के बाहर ऐसी भाषा के लिए आप पर एफआईआर हो सकता था.
बाद में नरेश अग्रवाल ने खेद प्रकट किया. हालांकि नरेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं कहा. मैंने केवल दीवार पर लिखे नारे को कोट किया था जिसपर सत्तापक्ष के लोगों को आपत्ति थी. नरेश अग्रवाल के खेद प्रकट करने के बाद सदन में शोरगुल थम गया और कार्यवाही सुचारू रूप से चलने लगी.
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