लखनऊ: यूपी विधानसभा में बजट पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूपी के इतिहास में पहली बार 3.84 लाख का बजट पेश हुआ है. सीएम योगी ने कहा कि जनता ने हमें यहां बैठाया है. सरकार में आते ही हमने 86 लाख लघु और सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ किया.

उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश कोई लोन देने को तैयार नहीं था, हम बैंकों से ऋण भी नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि विरासत में हमे खजाना खाली मिला. पहले प्रदेश में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही थीं. ऋण पर रिजर्व बैंक ने भी लोन देने से मना किया था.

खजाना खाली था लेकिन हमें काम करना था. उन्होंने कहा कि हम प्रदेश के किसी नागरिक को गिरवी नहीं रखेंगे. 30 हजार करोड़ सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को दिया. सपा सरकार फिर बनती तो कर्मियों को वेतन तक न मिल पाता.

सीएम ने कहा कि ये किसानों, नौजवानों, महिलाओं का बजट है. देश की 5 बड़ी बातों में यूपी का बजट भी एक था. ये बजट हर वर्ग की उम्मीदों का बजट है. बजट में हर तबके को महत्व दिया गया है.

सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने बजट के बाद राजनीतिक भाषण दिया. हमने कृषि को 67 हजार करोड़ रुपए दिए हैं. पिछली सरकार से 29 हजार करोड़ रुपए ज्यादा दिया. ग्राम विकास के लिए पिछली सरकार से 7 प्रतिशत अधिक 18 हजार करोड़ रुपए दिए. वहीं पंचायती राज में 30 प्रतिशत अधिक बजट दिया.

सीएम ने कहा कि हमने शिक्षा में 62 हजार करोड़ रुपए दिए. उन्होंने कहा कि आज के समाजवादियों को शिक्षा विरोधी माना जाता है. इनका शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है. हमने कौशल विकास के लिए भी हमने बजट दिया.

इस वर्ष ही 10 लाख नौजवानों को कौशल विकास से जोड़ेंगे. नगर विकास में पिछली बार की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक बजट दिया गया. सीएम ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में हमने पेयजल के लिए व्यवस्था की. सपा सरकार का विकास से कोई लेना देना नहीं था. ये सिर्फ अपना विकास करना जानते हैं. हमने 400 करोड़ रुपए प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी के लिए दिए.