नई दिल्ली: मानसून सत्र के तीसरे दिन मॉब लिंचिंग को लेकर संसद में जमकर बहस हुई. कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर गाय के नाम पर हिंसा करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, जितनी भी लिंचिंग होती है उनमें रूलिंग पार्टी या आरएसएस का हाथ होता है.

उन्होंने कहा, विपक्ष को शक है कि लिंचिंग करने वालों को सत्ता पक्ष का संरक्षण मिलता है. आजाद ने दलितों-अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न को मध्यकाल जैसा बर्बर करार दिया.

आजाद ने कहा, पीएम ने गौरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं के खिलाफ जो बयान दिया है अच्छी बात है. हालांकि आजाद ने शक जताया कि यह सब 'आपसी अंडरस्टैंडिंग' से होता है. आजाद ने कहा, इसलिए इन मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं होती है. लगातार हो रही मॉब लिंचिंग से रूलिंग पार्टी के अलावा और किसी को फायदा नहीं है.

गुलाम नबी आजाद ने बल्लभगढ़ के जुनैद की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, उसे बचाने कोई नहीं आया. उन्होंने कहा, लोगों के सामने एक आदमी मार दिया जाता है लेकिन कोई बचाने की कोशिश नहीं करता. भारत – राम, गौतम बुद्ध, महावीर, गुरुनानक देव और गांधी जी का है. सभी ने सर्वधर्म समभाव की बात कही थी, लेकिन देश में हो रही घटनाएं चिंता का विषय हैं.

आजाद ने कहा, सहारनपुर में दलितों के लड़के अभी तक लापता हैं. पता ही नहीं कि वो जिंदा हैं या मर गए हैं. उन्होंने कहा, "आज जिस तरह से अल्पसंख्यकों और दलितों पर उत्पीड़न हो रहे हैं वो मध्यकाल में और ब्रिटिश राज में होते थे." उन्होंने देशभर में हुई कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग धर्म का मामला नहीं रह गया गया है. आजाद ने मॉब लिंचिंग के मामलों पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जवाब मांगा.