पहले लोहिया व समाजवाद पढ़ें सपा नेता: दीपक मिश्र

लखनऊ: समाजवादी चिन्तन सभा के अध्यक्ष एवं समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र ने सपा नेता नरेश अग्रवाल के “राम“, “सीता“ व “हनुमान“ के परिप्रेक्ष्य में दिए गए बयान को हास्यास्पद, सतही और गैर-समाजवादी बताते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से श्री अग्रवाल को तत्काल निष्कासित करने की मांग की है। आज यदि “सीतारामराज्य“ व “रामायण मेला“ के परिकल्पक तथा “राम, शिव, कृष्ण“ के लेखक राममनोहर लोहिया जीवित होते तो नरेश अग्रवाल के बयान को सुनने के बाद तत्काल सपा से बर्खास्त कर देते या फिर स्वयं समाजवादी पार्टी छोड़ नरेश सदृश नेताओं के विरुद्ध सत्याग्रह व सामूहिक प्रतिकार की घोषणा कर देते। सपा महासचिव डा० रामगोपाल या तो लोहिया की वैचारिकी भूल गए हैं या फिर किसी व्यवहारिक मजबूरी से मजबूर हैं। समाजवादी होने के कारण नरेश अग्रवाल के बयान के साथ उन्हें खड़ा नहीं होना चाहिए। सपा महासचिव के राम-सीता-हनुमान को अपमानित करने वाले बयान पर अखिलेश की रहस्यमयी चुप्पी उचित नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि सपा समाजवाद के पथ से विचलित व विलग हो चुकी है।

नरेश अग्रवाल घोषित रूप से पूंजीवादी ताकतों के अभिकर्ता हैं जो समाजवाद का आवरण ओढ़कर समाजवादी विचारधारा, आंदोलन व पार्टी को कमजोर करने में अनवरत लगे हुए हैं।

चिन्तन सभा श्री रामगोपाल यादव व श्री नरेश अग्रवाल को लोहिया की तीन पुस्तकें “राम, कृष्ण, शिव“, “रामायण मेला“ व “धर्म पर एक दृष्टि“ भेजेगी ताकि दोनों पढ़ कर ऐसे संवेदनशील विषय पर बोलें ताकि सपा की जगहंसाई न हो। श्री मिश्र ने कहा कि ऐसे ही लोगों की बदौलत सपा अधोगति को प्राप्त हुई है। श्री अग्रवाल भले ही सपा के महासचिव क्यों न हों किन्तु उनका समाजवादी आचार व आचरण से कोई लेना-देना नहीं है।