नई दिल्ली: राजस्थान के पोखरण में लंबी दूरी तक मार करने वाले दो अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों के परीक्षण हो रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बोफोर्स कांड के 30 साल बाद भारतीय सेना को अमेरिका से ये तोप मिले हैं। तोपों के इन परीक्षणों का प्राथमिक लक्ष्य एम-777 ए-2 अल्ट्रा-लाइट के प्रक्षेप पथ, रफ्तार और गोले दागने की बारंबारिता जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण डेटा जमा करना एवं नियत करना है। उम्मीद की जा रही है कि इनमें से ज्यादातर तोपों को चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा। परीक्षण की जानकारी रखने वाले एक सैन्य अधिकारी ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि ये परीक्षण सितंबर तक जारी रहेंगे। अधिकारी मीडिया से बातचीत करने के लिए प्राधिकृत नहीं हैं। 155 मिलीमीटर, 39-कैलीबर के तोप में भारतीय आयुध उपयोग किए जाएंगे। 2018 के सितंबर में सेना को प्रशिक्षण के लिए तीन और तोपों की आपूर्ति होगी। इसके बाद 2019 के मार्च महीने से सेना में प्रति माह पांच तोपों की तैनाती शुरू हो जाएगी। तोपों की आपूर्ति 2021 के मध्य में पूरी हो जाएगी और इसी के साथ इसकी तैनाती भी पूरी हो जाएगी। अधिकारी ने बताया, ‘‘परीक्षण सहज तरीके से चल रहे हैं और ‘फायरिंग टेबल’ के निर्माण के लिए विभिन्न डेटा जमा किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि लक्ष्य यह सुनिश्चत करना है कि तोपों की तैनाती में कोई विलंब नहीं हो। भारत ने 5000 करोड़ रूपये की लागत से 145 होवित्जर तोपों की आपूर्ति के लिए पिछले साल नवंबर में अमेरिका के साथ एक समझौता किया था। इसी के तहत सेना को मई में ये तोप मिले।