लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मुख्य भवन में विस्फोटक पाउडर मिलने से शासन के होश उड़े हुए हैं। विधान भवन में मिले 60 ग्राम सफेद पाउडर के फोरेंसिक जांच में प्लास्टिक एक्सप्लोसिव होने की पुष्टि होने के बाद सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर हो गई है। उधर, इस मामले को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा घेरा और मजबूत करने पर विचार किया गया।

उल्लेखनीय है कि विधान भवन में गुरुवार को 60 ग्राम सफ़ेद पाउडर मिला था। बरामद पाउडर की आनन-फानन में फोरेंसिक साइंस लैब में जांच कराई गई। देर शाम आई रिपोर्ट में वह संदिग्ध पाउडर प्लास्टिक एक्सप्लोसिव (पीईटीएन) होने का पचा चला। इस सूचना से शासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद सचिवालय में अनधिकृत प्रवेश को लेकर सरकार ने और सख्त रुख अपना लिया।

सचिवालय प्रशासन के प्रमुख सचिव महेश गुप्ता के आदेश पर शुक्रवार से बिना पास लगी गाड़ियों का प्रवेश पूरी तरह रोक दिया गया। प्रमुख सचिव ने सख्त आदेश किया है कि बिना पास के कोई गाड़ी पाई गई तो सचिवालय सुरक्षा दल पर कठोर कार्रवाई होगी।

सचिवालय सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था पर पहले विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन, डीजीपी, एडीजी ला एंड आर्डर, एडीजी सेक्योरिटी व अपर पुलिस अधीक्षक विधानसभा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के पेंच कसे। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी शासन व पुलिस के उच्चाधिकारियों को बुला कर सचिवालय सुरक्षा में चूक पर फटकार लगाई। उन्होंने किसी भी हालत में कोई चूक न होने देने के लिए सख्त हिदायत दी। इन बैठकों में सचिवालय के अंदर सुरक्षा की जिम्मेदारी सचिवालय प्रशासन के पास होने की बात उठने के बाद प्रमुख सचिव महेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों की जमकर ‘क्लास’ ली। तिलक हाल में बुलाई गई इस बैठक में महेश गुप्ता ने सचिवालय सुरक्षा के प्रबंधों की सिलसिलेवार जानकारी ली और आने वाली समस्याओं पर अधिकारियों के सुझाव भी मांगे। महेश गुप्ता ने कहा कि बिना पास लगी गाड़ी चाहे किसी की भी हो उसे सचिवालय में कदापि प्रवेश न करने दिया जाए। उनका यह भी कहना था कि सचिवालय के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या में वृद्धि करके सुरक्षा तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि बिना पास वालों से अनावश्यक विवाद न करें। यदि कोई विवाद करता है तो इसकी जानकारी मुझे दी जाए।