नई दिल्ली: चीन ने आज कहा कि भारत यह कहकर ‘‘आम लोगों को गुमराह’’ कर रहा है कि सिक्किम सेक्टर में ‘सिक्किम गलियारा’ या ‘चिकन्स नेक’ के पास चीनी जवान सड़क का निर्माण कर रहे हैं जो पूर्वोत्तर राज्यों में भारत की पहुंच के लिये खतरा बन सकता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘1890 की चीन-ब्रिटिश संधि की अवमानना करते हुये भारतीय पक्ष ने कहा कि डोक ला तीन देशों के तिराहे के क्षेत्र में स्थित है, यह जनता को गुमराह करना है।’’ जेंग ने जोर देकर कहा, ‘‘1890 की संधि कहती है कि सिक्किम क्षेत्र की सीमा पूर्वी पहाड़ियों से शुरू होती है और यह घटना (सड़क निर्माण की) गिपमोची पर्वत से करीब 2000 मीटर दूर हुई है।

उन्होंने दावा किया कि इस घटना का चीन, भारत और भूटान के बीच तिराहे से कुछ लेना-देना नहीं है। जेंग ने चीन द्वारा सड़क निर्माण का बचाव करते हुये कहा, भारतीय पक्ष दरअसल यह कह कर जनता को भ्रमित कर रही है कि यह घटना तीनों देशों की सीमा के मिलन बिंदु की है।’’ भारत और भूटान चीन द्वारा सड़क बनाये जाने का विरोध कर रहे हैं। भारत ने सड़क निर्माण पर चिंता व्यक्त करते हुये आशंका जताई थी कि इससे उसके पूर्वोत्तर राज्यों से संपर्क काटने में चीनी सैनिक कामयाब हो सकते हैं।

बता दें कि भारत-चीन के बीच कुल 3500 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। इन दोनों देशों के बीच सीमा विवाद की वजह से 1962 में युद्ध हो चुका है। बावजूद इसके सीमा विवाद नहीं सुलझ सका। यही वजह है कि अलग-अलग हिस्सों में अक्सर भारत-चीन के बीच सीमा विवाद उठता रहा है। मौजूदा सीमा विवाद भारत-भूटान और चीन सीमा के मिलान बिन्दु से जुड़ा हुआ है। सिक्किम में भारतीय सीमा से सटे डोकलाम पठार है, जहां चीन सड़क निर्माण कराने पर आमादा है। भारतीय सैनिकों ने पिछले दिनों चीन की इस कोशिश का विरोध किया था। डोकलाम पठार का कुछ हिस्सा भूटान में भी पड़ता है। भूटान ने भी चीन की इस कोशिश का विरोध किया। भूटान में यह पठार डोक ला कहलाता है, जबकि चीन में डोकलांग। भूटान और चीन के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है। भूटान को अक्सर ऐसे मामलों में भारतीय सैन्य और राजनयिक सहयोग मिलता रहा है। लिहाजा, भारतीय सेना ने इस बार भी चीनी सैनिकों के सड़क निर्माण की कोशिशों का विरोध किया है। चीन को यह बात नागवार गुजरी है।