सुलतानपुर। रेलवे की सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं की नजर इनायत हो गयी है। सरकारी जमीन को कब्जा करने के लिए ईंट-पत्थर रखने के साथ ही बिल्डिं़ग मैटेरियल की दुकान के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है। जबकि इस जमीन के बगल ही रेल कर्मचारियों का आवास है। शिकायत के बाद भी रेल महकमा अवैध कब्जेदारों के विरू¬द्ध कार्यवाही से गुरेज रख रहा है।

शहर के करौंदिया रेलवे क्रासिंग के निकट रेल महकमें की बेश कीमती जमीन है। इस जमीन पर ही कर्मचारियों का आवास है। भूमाफियाओं की नजर इस जमीन पर इनायत हो गयी है। भूमाफियाओं ने बिल्डिं़ग मैटेरियलस की दुकान के रूप में रेलवें की बेश कीमती जमीन पर कब्जा कर लिया है। वहीं पर ईंट व लकड़ी भी गिरा लिया है। रेल कर्मचारियों के आवास का पानी भी इधर से बनी नाली में बहता है। अवैध कब्जा करने से नाली चोक हो गयी है। जिससे कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कर्मचारियों ने विभाग के उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत भी की। बावजूद इसके रेल महकमा अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध कार्यवाही से गुरेज कर रहा है। इस सम्बंध में सहायक मंडल अभियंता आरके सैनी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि अवैध कब्जे को हटाने के साथ ही कब्जेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।

अपने कानूनगों के खिलाफ कार्यवाही से भाग रहे अधिकारी

शहर के बढैयावीर मोहल्ले में जयसिंहपुर में तैनात कानूनगों अतुल पाल आदि ने रेलवे और सरकारी जमीनों पर कब्जा कर निर्माण किया है। भाजपा नेता इशहाक की शिकायत पर रेलमंत्रालय ने जिलाधिकारी हरेन्द्रवीर सिंह को पत्र भेजकर रेलवे की जमीन खाली कराने का अनुरोध किया है। बावजूद इसके इस मामले में कोई कार्यवाही नही की जा रही है। गुरूवार को भाजपा नेता ने कार्यवाही में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी से मुलाकात भी किया था। जिस पर संतोषजनक उत्तर नही मिला था।