नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जीएसटी से देश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में किसी विधेयक पर इतनी बहस नहीं हुई जितनी जीएसटी पर हुई है। जीएसटी लागू होना बड़ा मौका, बड़े कदमों से ही देश की तकदीर बदलती है।

देश के आर्थिक विकास के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। केंद्र सरकार आज सबसे बड़े कर सुधार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को हरी झंडी दिखाएगी। आजादी के बाद ये सबसे बड़ा कर सुधार है। उद्योगपति अनिल अंबानी ने इसे आर्थिक आजादी करार दिया है।
जीएसटी की लॉन्चिंग के अवसर पर संसद में विशेष सत्र और कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। आधी रात से राष्ट्रपति की मौजूदगी में जीएसटी लागू हो जाएगा। इस खास अवसर पर जानी मानी हस्तियां भी संसद में मौजूद होंगी। कैबिनेट मंत्री, दिग्गज नेता, सितारें भी इस खास मौक पर शिरकत करेंगे।
रात 11 बजे के बाद कार्यक्रम का आगाज होगा और ठीक 12 बजते ही जीएसटी को लागू कर दिया जाएगा।जीएसटी लागू होने के जश्न के लिए संसद भवन को दुल्हन की तरह सजाया गया है। केंद्रीय कक्ष में भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। मंच पर छह कुर्सियां रखी गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में पूरा कार्यक्रम संचालित होगा।

इस मौके पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक एप भी जारी करेंगे। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी मंच पर विराजमान होंगी। गायिका लता मंगेशकर और अमिताभ बच्चन भी इस अवसर पर मौजूद होंगे। इसके अलावा भाजपा के राष्टूीय अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी उपस्थित होंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करेंगे, इसलिए केंद्रीय कक्ष के साउंड सिस्टम को भी बदला गया है। संसद के दोनों सदनों के सांसदों सहित करीब 1500 लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

जीएसटी के कार्यक्रम के लिए संसद भवन को एलईडी बल्बों से रोशन किया गया है। माइक्रो सेंड तकनीक से संसद भवन के खंभों को साफ किया जा रहा है, ताकि इमारत को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

कांग्रेस ने बीते दिनों साफ कर दिया था कि वो इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कांग्रेस सदन के विशेष सत्र को बहिष्कार करेगी। इसपर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि ये फैसला बहुत ही दुभार्ग्यपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस आज नहीं, लेकिन कल इस फैसले के लिए जरूर पछताएगी। इधर, सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा, अब तक सत्र में शामिल होने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। आज सपा इसपर फैसला लेगी। तृणमूल कांग्रेस ने भी इस सत्र में अपना सहयोग देने से इंकार किया है।

जीएसटी की विसंगतियों के विरोध में 30 जून को बनारस और कानपुर बंद का ऐलान किया गया है। बनारस के 150 से ज्यादा व्यापार मंडलों ने बंद का समर्थन किया है। शुक्रवार को दवा सहित कुछ जरूरी वस्तुओं को बंद से अलग रखा गया है। बंद को सफल बनाने के लिये गुरुवार को व्यापार मंडलों ने अपने-अपने तरीकों से संपर्क अभियान चलाया।

शहर के बाजारों में रजिस्टर घुमाये गए और समर्थन की अपील की गई। 30 जून को सराफा बाजार भी बंद रहेगा। शहर के साथ गांव के बाजारों में भी व्यापारियों ने बंद रखने का फैसला किया है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन वाराणसी मंडल के अध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि बंद को लेकर व्यापार मंडलों का जबरदस्त सहयोग है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) मोहनलाल सरावगी ने कहा कि व्यापारी जीएसटी की कमियों के खिलाफ एकजुट हैं। बंद को सफल बनाया जायेगा।