लखनऊ: लखनऊ जिला जेल में मंगलवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पहुंचे. यहां उन्होंने बलात्कार और पॉक्सो एक्ट में बंद अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से मुलाकात की.

जानकारी के अनुसार जेल में मुलायम की करीब डेढ़ घंटे गायत्री प्रजापति के साथ मुलाकात हुई. गायत्री प्रजापति से मुलाकात के बाद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि जेल में गायत्री के साथ आतंकियों सा व्यवहार हो रहा है. मुलायम ने कहा कि प्रजापति जैसे निर्दोष आदमी को जेल में डाल दिया है.

मुलायम ने कहा कि सब फर्जी मुकदमा कर के अत्याचार कर रहे हैं. मुलायम ने कहा कि कई पत्रकार गलत निकाल रहे है, जब हम जेल में थे तो कई पत्रकार सही लिखते थे. जाने अब पत्रकार क्या सब गलत लिख रहे हैं.

मुलायम ने बलात्कार के आरोप पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिला गायत्री प्रजापति के घर नहीं गई तो कैसे बलात्कार हो गया? चार्जशीट में पुलिस ने लिखा है कि प्रजापति महिला के घर नहीं गय. आरोपियों की लोकेशन भी वहां नहीं है. मैं डीजीपी से मिलूंगा और इस मामले में शिकायत करूंगा. मामले में एसएसपी और जिला प्रशासन मनमानी कर रहे हैं. लड़की ने प्रजापति को पहचानने से इंकार किया है.

उन्होंने सीएम योगी की सुरक्षा तोड़ने के मामले में जेल गए छात्रनेताओं के पक्ष में कहा कि छात्रों द्वारा झंडा दिखाना प्रजातंत्र में अधिकार है. नारा लगाना, झंडा दिखाना प्रजातंत्र में अधिकार है. आज बीजेपी सरकार बदले की भावना से दबाने का काम कर रही है. जेल में बंद छात्राओं के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, इनकी शिकायत वह खुद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से करेंगे. मुलायम ने कहा कि इमरजेंसी में भी मेरे साथ तो अच्छा व्यवहार किया गया था.

सोमवार को भी मुलायम सिंह यादव के जेल पहुंचने का कार्यक्रम था लेकिन जेल प्रशासन ने मुलाकात की अनुमति नहीं दी थी. जानकारी के अनुसार मिलने का समय खत्म होने के बाद मुलायम के आने का कार्यक्रम जेल पहुंचा था. इस कारण जेल प्रशासन ने अपनी असमर्थता जता दी.

उधर लखनऊ जेल में बंद सपा के पूर्व कद्दावर मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति सहित उनके सात सहयोगियों के खिलाफ 3 जुलाई को गैंगरेप केस में आरोप तय करने की तैयारी है. इस केस की सुनवाई पाॅक्सो एक्ट की विशेष अदालत में चल रही है.

वहीं कोर्ट ने सभी को उस दिन जेल से तलब किया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद 18 फरवरी 2017 को थाना गौतमपल्ली पर पीड़ित महिला की प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर उसके साथ सबने कई बार गैंगरेप किया और जब उन लोगों ने उसकी नाबालिग बेटी पर नजर डाली तो उसने प्राथमिकी लिखाई.

विवेचना के बाद पुलिस ने 824 पन्नों का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था. जिसमें कुल 24 लोगों को गवाह बनाया गया. पूर्व मंत्री गायत्री उनके गनर चंद्रपाल, पीआरओ रूपेश्वर उर्फ रूपेश, लेखपाल अशोक तिवारी, एक सीनियर पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा, पूर्व मंत्री के करीबी अमरेंद्र सिंह और आशाीष शुक्ला को आईपीसी की धारा 376डी, 354, 504, 506 और 509 के तहत आरोपपत्र पेश किया गया है. वहीं गायत्री, अमरेंद्र, अशोक और आशीष के ऊपर पाॅक्सो एक्ट भी लगाया गया है.