दम है तो बिहार-यूपी में फिर से चुनाव कराएं

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से जो वादा किया गया था वो पूरा नहीं किया. चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि पचास प्रतिशत मुनाफा दिलाएंगे लेकिन इस दिशा में कुछ भी नहीं हुआ.

सीएम नीतीश कुमार ने राधमोहन सिंह के योग पर निशाना साधा. उन्होंने चुनौती दी कि हम बिहार का चुनाव कराने के लिए तैयार हैं लेकिन यूपी और बिहार के लोकसभा सीटों का चुनाव कराएं.

सीएम ने कहा कि कृषि क्षेत्र संकट से गुजर रहा है और इसके पीछे मुख्य समस्या है कि लागत लगातार बढ़ रही है लेकिन उत्पादन मूल्य में वृद्धि नहीं हो रही है.

जीएम सीड को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि सरसों और बैगन के जीएम सीड को लेकर हमने विरोध किया है लेकिन इसे लगातार प्रमोट किया जा रहा है. मल्टीनेशनल कंपनियां का इस पर मोनोपोली है. कृषि में आगे और समस्याएं आ सकती है.

सीएम ने कहा कि लागत अधिक होने और उत्पादन कम होने से किसान सड़कों पर फसलों को फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा सिर्फ कृषि मंत्रालय का नाम बदलने से कुछ नहीं होगा. ग्रुप डी के कर्मचारियों से भी कम आमदनी किसानों की है.

तत्कालीन कर्ज माफी से आंदोलन को शांत कर दिया गया लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होगा. उन्होंने पूछा कि आज जाट, मराठा, पाटीदार आरक्षण की मांग क्यों कर रहे हैं.

नीतीश ने फसल बीमा योजना पर कहा कि यह किसानों के लिए कंपनियों के लिए है. स्वायल कार्ड को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. सिर्फ कर्ज ही समस्या नहीं है जो किसान कर्ज नहीं लिये उनकी भी समस्या है.

गांधी जी को लेकर अमित शाह के बयान पर नीतीश ने कहा कि कुछ भी बोलते रहते हैं कौन क्या बोलता है हम ध्यान नहीं देते.

राष्ट्रपति चुनाव पर नीतीश ने कहा कि पहले सतारुढ़ समर्वसम्मति बनाने की पहले करें और यदि नहीं होगा तो विपक्ष उम्मीदवार तय करेगा. इसमे ज्यादा समय नहीं लगेगा.

बीजेपी को परास्त करने के लिए राहुल गांधी के गीता पाठ के सवाल पर उन्होंने कहा कि गीता पाठ तो लोग करता ही है इसमें क्या है?