सुलतानपुर। बहुचर्चित भारत-भूषण हत्याकांड में जल्द जमानत के बाद
आरोपियों पर गैंगेस्टर की कार्यवाही पुलिस के गले की फांस बनती दिख रही
है। सूत्रों का दावा है कि आरोपियों की ऊंची पहुंच पुलिस के लिए चुनौती
साबित हो रही है।

बीते 8 फरवरी को गोली मारकर पंप मालिक भारत भूषण मिश्र की नगर
कोतवाली के पयागीपुर चैराहे के समीप हत्या कर दी गई थी। दरअसल में पुलिस
ने अपनी विवेचना में घटना के काफी दिनों बाद की तारीख में गवाह मदन मिश्र
का बयान दर्शाते भारत भूषण की हत्या के पूर्व आरोपियो के जरिये रची गई
साजिश के दौरान हुई वार्ता सुनने की बात कही गई है, लेकिन हत्या के पहले
ही साजिश की जानकारी होने के बावजूद भी इस बात को गवाह क्यों छिपाये रह
गया या फिर मृतक के घरवालो एवं पुलिस को क्यों नही बताया। इस बात का कोई
स्पष्टीकरण विवेचना में नही दिया गया है। ऐसे ही कई तथ्य पुलिस ने अपनी
विवेचना में दर्शाये है एवं उनके संबंध में सबूत पेश किये है। जिसे अदालत
ने ट्रायल के स्तर पर देखे जाने का तथ्य रखते हुए सभी आरोपियो की जमानत
अर्जी सशर्त स्वीकार कर ली है थी। जमानत के बाद गैंगेस्टर का तामीला किया
गया। जिससे आरोपियों की जेल से निकलने की राह कांटो भरी हो गयी। सूत्रों
के मुताबिक गैंगेस्टर अब पुलिस के गले की फांस बन गया है। ऊंची रसूख के
चलते प्रदेश के कुछ अधिकारियों ने आरोपियों की पैरवी शुरू कर दी है।
हालाकि जिस तरह से जल्दी जमानत पर पुलिस की किरकिरी हो रही थी, उसी तरह
गैंगेस्टर तामीला के बाद पुलिस की साख भी बच गयी। इस मामले में कोई भी
कुछ बोलने से कतरा रहे है।