लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार के पचास दिन पूरे होने पर मथुरा में जिस प्रकार दो व्यापारियों की गोली मारकर हत्या हुई है, सत्ता में आने के दिन से लेकर अभी तक सिलसिलेवार जो घटनाएं हुई हैं उससे सदन और सदन के बाहर योगी जी लाख छाती पीटते रहें, यह साफ हो जाता है कि प्रदेश में कानून का राज नहीं है, अपराधियों का बोलबाला है। अपराधी बेखौफ हो गये हैं और प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था दुरूस्त करने में फेल हो चुकी है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि योगी सरकार के शपथ लेते ही इलाहाबाद में पति-पत्नी की हत्या के साथ ही उनके सामने उनकी दो बेटियों के साथ सामूहिक बलात्कार और निर्मम हत्या कर दी गयी, जिसने पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में हाहाकार मचा दिया। इतना ही चित्रकूट में चार लोगों की हत्या कर दी गयी। लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र में दो बहनों की निमर्म हत्या कर दी गयी, टेण्ट व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में सिलसिलेवार रोजाना हत्या एवं बलात्कार की घटनाएं आम हो गयी हैं। अपराधी इस कदर बेखौफ हेा गये हैं कि जब जहां चाहते हैं जघन्य घटना केा अंजाम दे रहे हैं और प्रदेश सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठी है। मुख्यमंत्री जी आये दिन कानून व्यवस्था को लेकर भाषणबाजी अवश्य कर रहे हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात की कहावत को चरितार्थ कर रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार के 50दिन में ही प्रदेश में कानून व्यवस्था इस कदर ध्वस्त हो चुकी है कि आम जनता में खौफ व्याप्त हो गया है। कानून का राज का नारा देकर सत्ता हासिल करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में कानून का राज के बजाय अपराधियों का राज हो गया है। कानून व्यवस्था के नाम पर सिर्फ जुमलेबाजी और भाषणबाजी तक ही प्रदेश सरकार सीमित है। मथुरा में चार व्यापारियों को गोली मारी गयी जिसमें दो व्यापारियों की मृत्यु हो गयी। यह घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि प्रदेश में अपराधियों के मन में सरकार और कानून का भय समाप्त हो गया है।

प्रवक्ता ने मांग की है कि मथुरा में व्यापारियों के साथ हुई गोलीबारी की घटना के दोषियों को अविलम्ब गिरफ्तार किया जाय एवं मृतक व्यापारियों के परिजनों को दस-दस लाख रूपये आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाय।

श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे हो गये हैं किन्तु लोकसभा चुनाव में किये गये एक भी वादे को पूरा करने में विफल साबित हुई है। केन्द्र की मोदी सरकार मंहगाई, बेरोजगारी, सुरक्षा सहित सभी जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों पर पूरी तरह फेल है।