लखनऊ: यूपी विधानसभा की कार्यवाही आज हंगामे के साथ शुरू हुई और थोड़ी देर बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। राज्यपाल पर विपक्ष ने कागज के टुकड़े फेंके और सीटियां बजाईं ताकि उनके एक भी शब्द सुनाई नहीं दिए जा सके। लेकिन राज्यपाल ने हंगामे के बीच अपना भाषण जारी रखा और पूरा किया। उनके सुरक्षा कर्मियों ने उनका बचाव किया। इस बीच विपक्ष ने प्लेकार्ड भी दिखाए और नारेबाजी की। सभी सपा नेता लाल टोपी पहनकर आए हैं और हाथों में सीटी भी है। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लामबंद है। आपको बता दें कि यूपी में भाजपा की सरकार आने के बाद ये पहली बार सत्र शुरू हुआ है। ये सत्र 22 मई तक चलेगा। विपक्ष के हंगामे पर यूपी कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हम आशा करते हैं कि विपक्ष अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। राज्यपाल का पूरा अभिभाषण सुनने की विधानसभा अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित की अपील का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर होता नहीं दिखा और सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सपा ने पहले ही घोषणा की थी कि वह सरकार को कानून-व्यवस्था तथा कुछ अन्य मुद्दों पर घेरेगी। शोरशराबे और हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ा। नाईक बीच बीच में विपक्षी सदस्यों के रवैये को सवालिया नजरों से देखते और इशारों में आपत्ति जताते रहे। इस दौरान सुरक्षाकमीर् राज्यपाल की ओर फेंके जा रहे कागजों को फाइल के सहारे रोकते देखे गये। राज्यपाल के अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं का जिक्र होता है। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में करीब 14 साल बाद भाजपा की सरकार बनी है। पहली बार राज्य विधानसभा की कार्यवाही का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया।