मज़दूर दिवस पर श्रमजीवी पत्रकारों ने निकली रैली

लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेन्द्र सिंह ने घोषणा की है कि पत्रकार इलाज संबंधी समस्याओं के निदान के लिए उनसे सीधा सम्पर्क कर सकते हैं।
श्री सिंह मई दिवस के अवसर पर यू.पी. प्रेस क्लब में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में आये पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन द्वारा क्लब प्रांगण में आयोजित ‘मई दिवस’ रैली में पत्रकारों के लिए आवास एवं चिकित्सा की बेहतर व्यवव्स्था तथा पेंशन की मांग की गयी। रैली में शामिल होने के लिए अखबारकर्मी टुकड़ियों में सड़कों पर मार्च करते पे्रस क्लब पहुॅंचे।
मई दिवस रैली की अध्यक्षता आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के अध्यक्ष के. विक्रम राव ने की, जिसमें निर्णय लिया गया कि यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेगा।
रैली ने पी.जी.आई. में प्रदेश के सभी श्रमजीवी पत्रकारों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा, सभी श्रमजीवी पत्रकारों के लिए चिकित्सा कार्ड, डेस्क कर्मियों की प्रेस मान्यता बहाल करने, मान्यता समिति और पत्रका बंधु के गठन और सरकारी एजेंसियों द्वारा निर्मित कालोनियों में भूखण्डों और फ्लैटों के आरक्षण की मांग की गयी।
सभा की अध्यक्षता करते हुए आइ.एफ.डब्ल्यू.जे. के अध्यक्ष विक्रम राव ने योगी सरकार से मांग की कि वह पूर्ववर्ती सरकार का अनुरसरण त्याग कर अखबार मालिकों के स्थान पर श्रमजीवी पत्रकारों को महत्व दें। हिन्द मजदूर सभा के नेता और यू.पी. न्यूज पेपर्स इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष उमा षंकर मिश्र ने आषा व्यक्त की कि राज्य सरकार अन्य राज्यों की तरह ‘सेक्यूरिटी आन जाब’ के क्लाज को समाप्त नहीं करेगी। यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि सरकारें अब मजदूर समर्थक नहीं रही हैं।
सभा को यू.पी. पे्रस क्लब के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह, और सचिव जे.पी. तिवारी, यू.पी. वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के महामंत्री पी.के. तिवारी, सोशल मीडिया इंचार्ज के. विश्व देव राव, लखनऊ इकाई की मंत्री विनीता रानी विन्नी के अलावा वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी और मुदित माथुर तथा अखबारकर्मियों के नेता काजिम हुसैन, आसिफ उल्ला खान और राज कुमार आदि ने संबोधित किया।
शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य आकर्षण था जादूगर राकेश श्रीवास्तव का ‘मायाजाल’। शेफाली, मान्या और निखिता ने अपने नृत्य पर खूब तालियां बजवाई, जबकि कृष्ण वर्मा, आस्था वर्मा, दुर्गा प्रसाद और भाव्या निगम ने गीत, गजल और भजन प्रस्तुत किये।