लखनऊ: “योगी सरकार द्वारा दलित युवाओं की काउंसलिंग केवल नाटक” – यह बात आज एस.आर.दारापुरी, भूतपूर्व आई.जी. एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी बयान में कही है. उनका कहना है कि इस द्वारा योगी सरकार दलितों को उच्च शिक्षा से हटा कर उन्हें छोटे मोटे कारीगर बना कर निम्न स्तर के मजदूर बनाना चाहती है. इसके पूर्व भी भाजपा सरकार द्वारा जिन युवाओं को “कौशल विकास” कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया है- एक तो उन्हें अब तक कोई रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया गया है और दूसरे इससे उनकी आगे की पढ़ाई भी ठप हो गयी है. यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दो सालों में सबसे कम रोजगारों का सृजन हुआ है जिस कारण दलित एवं अन्य युवाओं के सामने बेरोज़गारी की समस्या बढ़ गयी है. इसी दौरान सरकारी तथा निजी क्षेत्र में रोज़गार के अवसर बढ़ने की बजाये कम ही हुए हैं. आरक्षण का दायरा भी लगातार सिकुड़ता जा रहा है. यह ज्ञातव्य है कि पूर्व में राजीव गाँधी सरकार ने भी स्कूलों में नौवीं क्लास से रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की योजना चलाई थी परन्तु इसका भी कोई ठोस लाभ दलित युवाओं को नहीं मिला था.

श्री दारापुरी ने आगे कहा है कि दरअसल दलित युवाओं की समस्या उनका शैक्षिक पिछड़ापन तथा बेरोज़गारी है. उदहारण के लिए 2001 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में केवल 3% दलित स्नातक तथा 0.1% व्यवसायिक तथा गैर व्यवसायिक डिप्लोमाधारी थे. दलितों में से 27% प्राईमरी, 18.5% मिडिल तथा केवल 13% हाई स्कूल तथा हायर सैकंडरी पास थे. शिक्षा के इस निम्न स्तर के कारण दलित उच्च तकनीकी तथा गैर तकनीकी नौकरियों में नहीं जा पाते. अतः दलितों के शिक्षा के स्तर को सुधारने की आवश्यकता है जिसके लिए सबको सरकारी अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करायी जानी चाहिए. इसके विपरीत भाजपा भी पूर्व सरकारों की तरह सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कमज़ोर/समाप्त करके निजी महँगी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है और इसके साथ ही शिक्षा के लिए सालाना बजट में भी निरंतर कटौती कर रही है.

अतः आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट यह मांग करता है कि सरकार दलित युवाओं की काउंसलिंग का नाटक करने की बजाये दलितों सहित सभी बच्चों के लिए सरकारी तौर पर अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा की व्यवस्था करे तथा वर्तमान दोहरी शिक्षा व्यवस्था को समाप्त कर “नेबरहुड स्कूल” व्यवस्था को लागू करे. इसके साथ ही रोज़गार को मौलिक अधिकार बनाने तथा बेरोज़गारी भत्ता देने की व्यवस्था भी लागू की जाये.