नई दिल्ली:प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को यूपी में लिए जाने वाले फैसलों के लिए गैर जरूरी श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए। इसके लिए पीएमओ ने सरकार की पब्लिसिटी करने वाले इनचार्ज को भी आदेश दे दिया है। कूमी कपूर के लेख के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक करीबी केंद्रीय मंत्री ने बताया है कि यूपी सरकार द्वारा जो भी फैसले लिए जा रहे हैं वे सभी पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल थे। उस मंत्री ने बताया कि घोषणा पत्र में किए गए सभी वादे नरेंद्र मोदी द्वारा पास किए गए थे। मंत्री के मुताबिक, अवैध बूचड़खानों को बंद करने का वादा भी मोदी ने ही करने को कहा था।

इससे पहले एक खबर आई थी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के बढ़ते राजनीतिक कद से भाजपा नेतृत्व भयभीत है। बताया गया कि इसके चलते ही अंतिम समय में योगी को दिल्ली नगर निगमचुनाव प्रचार से दूर किया गया था। उससे पहले तक योगी की 19 और 20 अप्रैल को तीन सभाएं और रोड शो तय थे।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद चार राज्यों में भाजपा की सरकारें बनीं लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ही सुर्खियों में छाए रहे। उनके हर कार्यक्रम और घोषणाओं को मीडिया ने हाथों हाथ लिया। योगी का बढ़ती लोकप्रियता से विरोधी दलों से अधिक भाजपा के ही नेता भयभीत बताए जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव हुए। उसमें भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन दल ने मिलकर 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठंबधन को हार का मुंह देखना पड़ा था।