टैक्स आॅप्टिमाइजेशन हेतु डिजिटल कर्मचारी-लाभ प्रदान करने वाले, फिनटेक स्टार्टअप – ज़ीटा ने एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) पेमेंट प्लेटफाॅर्म, रुपे के साथ करार किया है। इस साझेदारी से, ज़ीटा के पेमेंट नेटवर्क का विस्तार होगा और काॅर्पोरेट भारत में डिजिटल पेमेंट्स की अधिक समावेशी स्वीकृति को प्रोत्साहन मिलेगा। इस सहयोग से जीटा का मील वाउचर अब तक का ऐसा पहला समाधान होगा, जो भारत सरकार द्वारा पृष्ठपोषित रुपे प्लेटफाॅर्म पर चलेगा।

आरबीएल बैंक जैसे अपने बैंकिंग सहयोगी के साथ, ज़ीटा का ‘ज़ीटा सुपर कार्ड’ नामक क्रांतिकारी प्रीपेड कार्ड अब रुपे प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध होगा। ज़ीटा सुपर कार्ड धोखाधड़ी-रोधी जबरदस्त सुरक्षा विशेषताओं से लैस है, और इसके जरिए इसके उपयोगकर्ता पूरे भारत के 12 लाख से अधिक आउटलेट्स व आॅनलाइन स्टोर्स पर भुगतान कर सकते हैं।

रुपे के साथ सहयोग के बारे में, एनपीसीआई के एम.डी. और सी.ई.ओ., श्री ए.पी.होता ने कहा, ‘‘हमें ज़ीटा के जरिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े वेतनभोगियों के लिए रुपे कार्ड प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराने की प्रसन्नता है। आरबीएल बैंक और ज़ीटा के बीच इस महत्वपूर्ण सहयोग से सभी लोगों को डिजिटल साधनों के जरिए अपने वेतन अनुलाभों को खर्च करने में मदद मिलेगी।’’

ज़ीटा के सह-संस्थापक एवं सी.टी.ओ., रामकी गड्डीपटि ने कहा, ‘‘ज़ीटा, आरबीएल और रुपे की इस संयुक्त पेशकश को उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने की दृष्टि से तैयार किया गया है, और इसका उद्देश्य मेड इन इंडिया तकनीकों का उपयोग कर भारत में कैशलेस मूवमेंट की गति को बढ़ाना है। रुपे प्लेटफाॅर्म से जुड़ने से ज़ीटा का पेमेंट नेटवर्क और भी अधिक मजबूत होगा तथा हम उन कंपनियों व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तक भी पहुंच सकेंगे जिनके कर्मचारी दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं।’’