नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से बिहारी अस्मिता को गर्व का विषय बताया है। सीएम ने कहा है कि गये अब वो दिन जब एक बिहारी को अपनी पहचान छुपानी पड़ती थी, अब तो वो वक्त है जब लोग गर्व से कहते हैं कि हां मैं बिहारी हूं। नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि, ‘बिना बिहारियों के दिल्ली नहीं चल सकती है।’ नीतीश कुमार दिल्ली के बुराडी में नगर निगम चुनाव के लिए अपने कैंडिडेट का प्रचार कर रहे थे। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड दिल्ली के 272 नगर निगम सीटों में से 113 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दिल्ली नगर निगम का चुनाव 23 अप्रैल को होना है इसके नतीजे 25 अप्रैल को आएंगे।

अपनी पहली चुनावी सभा में दिल्ली पहुंचे नीतीश कुमार ने बिहारी पहचान और बिहारियों के पुरुषार्थ की जमकर पैरवी की। सीएम ने कहा कि मेरा खुद का अनुभव रहा है कि 20 साल पहले जो लोग बिहार और पूर्वांचल से दिल्ली आए वो डरे सहमे रहते और ज्यादा नहीं बोल पाते थे। लेकिन धीरे धीरे उनका स्वाभिमान जागा, और वे अब गर्व से कहते हैं कि हां मैं बिहारी हूं। सीएम ने कहा कि ये बिहार में हमलोगों के द्वारा किये गये काम की वजह से संभव हो सका, जिस तरह हमने बिहार को प्रगति के पथ पर लाया उससे हमारे प्रति लोगों की धारणा बदली।

नीतीश कुमार ने दिल्ली का जिक्र करते हुए कहा कि बिहारी जहां भी जाते हैं किसी पर बोझ बनकर नहीं रहते हैं वे अपनी पहचान खुद गढ़ते हैं। नीतीश कुमार ने कहा, ‘मैं हमेशा कहता हूं बिहार के लोग किसी के लिए समस्या नहीं बनते हैं, बल्कि वह दूसरों की समस्या को खुद उठा लेते हैं और अपने लिये स्थान बनाते हैं।’ नीतीश ने कहा कि अब ऐसा वक्त आ गया है बिहारियों के बिना दिल्ली चल ही नहीं सकती है।’ सवाल ये है कि क्या नीतीश कुमार 2019 के लोकसभा चुनावों की ओर इशारा कर रहे थे। जनता दल यूनाइटेड के नेता कई बार कांग्रेस वामपंथी दलों से नीतीश कुमार की अगुवाई में 2019 का चुनाव लड़ने की अपील कर चुके हैं। जेडीयू नेताओं का कहना है कि पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनौती देने की क्षमता नीतीश कुमार में ही है। नीतीश कुमार 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव से गठबंधन कर बीजेपी को पटखनी दे चुके हैं।