लखनऊ। भाकपा (माले) के केंद्रीय समिति सदस्य व अखिल भारतीय किसान
महासभा के प्रदेश महासचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने मांग की है कि किसानों का
फसली ऋण 31 मार्च 2017 तक का माफ किया जाये। इसके अलावा, बटाई पर खेती करने
वाले किसानों को साहूकारों के कर्ज से भी राहत दिलाने पर निर्णय लिये जायें।
गुरुवार को जारी बयान में कुशवाहा ने कहा कि योगी सरकार ने फसली कर्ज माफी 31
मार्च 2016 तक की है, जबकि किसान कर्ज अगली फसल के लिए लेता है। इस वजह से
किसानों का बड़ा हिस्सा कर्ज माफी से वंचित रह गया है। इस योजना का लाभ उन
किसानों को भी मिलना चाहिए, जिन्होंने अपने बैंक कर्जे चुका दिये थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर बटाईदार किसानी कर रहे हैं।
पूर्वांचल में आधे से ज्यादा तो बटाईदार किसान हैं। इन्हें बैंकों से कर्ज नहीं
मिलता है और ये सूदखोरों के शिकार बनते हैं। पिछले समय बेमौसम की बारिश व
ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों की क्षतिपूर्ति के समय भी यह सवाल उठा था और
भाजपा ने भी इसे विचारणीय माना था। कर्ज माफी की गाइडलाइन बनाते समय इस गंभीर
समस्या पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और बटाईदारों के कर्जे भी माफ होने चाहिए।
कुशवाहा ने कहा कि योगी सरकार ने व्यापक किसानों से किया वादा असल में नहीं
निभाया है। लघु एवम सीमांत किसानों का पूरा फसली ऋण माफ नहीं किया गया है।
लिखित तौर पर घोषणापत्र में लघु एवम सीमांत किसानों की फसली ऋण माफी की बात कही
गई, पर चुनाव प्रचार के दौरान आला भाजपा नेता किसानों का कर्जा माफ करने के
वादे करते रहे। इस तरह से किसानों के साथ छल किया गया है।
उन्होंने कहा कि असल सवाल तो यह है कि संकट में जा गिरी खेती-किसानी के लिए
सरकार कोई नीति के स्तर पर कदम उठाए, अन्यथा कृषि में जिस स्तर का संकट है,
उससे सिर्फ फौरी राहत देकर किसानों को उबारा नहीं जा सकता।