नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक ने रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरडीए) को हरी झंडी दे दी है. इसे रेलवे में सुधार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है. सरकार का मकसद इसके माध्यम से रेल सेवाओं में सुधार और रेलवे में निवेश करने वालों को अनुकूल माहौल मुहैया कराना है. अब यही अथॉरिटी रेलवे के किराए और माल भाड़े पर भी अंतिम फैसला लेगी.

रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी एक स्वतंत्री कमेटी होगी जो केंद्र सरकार के अधीन होगी. रेलवे में इस तरह की अथॉरिटी का सुझाव काफी लंबे समय से दिया जा रहा था. 2001 में राकेश मोहन समिति और 2014 में विवेक देवराय कमेटी ने भी इसकी सिफारिश की थी. 2015-16 के रेल बजट में सुरेश प्रभु ने भी इसका ज़िक्र किया था. रेलवे का किराया, माल भाड़ा और यात्री सुविधाएं किस तरह की हों, इसका फैसला भी अब केवल रेल मंत्रालय ही नहीं करेगा.

रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी में रेलवे, वित्त मंत्रालय, नीति आयोग सहित अलग अलग विभागों के अधिकारी रहेंगे. ताकि रेलवे के कामकाज को बेहतर किया जा सके. और हर किसी के सुझाव और सहमित के बाद ही किसी भी योजना पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा. हालांकि आरडीए कोई भी कामकाज 1989 के रेलवे अधिनियम के मुताबिक ही करेगा.