बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) पर आरआईपीएल ने किया सेमिनार

लखनऊ: भारतीय रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग प्रगति के उस दौर में हैं, जहां तकनीक का प्रभावी कार्यान्वयन इस उद्योग को ज्यादा व्यवस्थित, पारदर्शी, प्रगतिशील बना सकता है। इसके साथ ही इससे परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करना भी संभव होगा। इस उद्योग के पेशेवरों में कौशल विकास को बढ़ावा देने में अग्रणी रुद्राभिषेक इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (आरआईपीएल) ने बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) पर एक सम्मेलन का आयोजन किया और उत्तर प्रदेश के बाजार में आर्किकैड को लॉन्च किया। इस कार्यक्रम का आयोजन आरआईपीएल और ग्राफीसॉफ्ट बुडापेस्ट, हंगरी ने संयुक्त रूप से किया।
इस कार्यक्रम का उद्वघाटन उत्तर प्रदेश के जाने माने टाउन एवं कंट्री प्लानर श्री अजय कुमार मिश्रा ने किया।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सरकारी अधिकारियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग के प्रतिनिधियों, पेशेवरों, विद्यार्थियों और विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना था और बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) तकनीक में हुए हालिया घटनाक्रमों और उसके डिजाइनिंग आर्किटेक्चुअल इंजीनियरिंग व कंस्ट्रक्शन उद्योग पर पड़े प्रभावों पर चर्चा करना था।

आर्किकैड एक प्रमुख बीआईएम सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसका आर्किटेक्ट्स, डिजाइनर, इंजीनियर और बिल्डर परियोजनाओं के निर्माण में पेशेवर डिजाइन, डॉक्युमेंट तैयार करने और सहयोग में इस्तेमाल करते हैं। यह वास्तविक 3डी परिदृश्य में परियोजना के लिए रचनात्मक कार्य और डिजाइन डॉक्युमेंटेशन की पेशकश करता है, जिसकी मदद से निर्माण से पहले डिजाइन में संभावित खामियों और कमजोरियों का पता लगाया जा सकता है। इससे न सिर्फ डॉक्युमेंटेशन का मुश्किल काम आसान हो जाता है, बल्कि इससे डिजाइन में बदलाव करना भी आसान हो जाता है। वहीं इस क्लाउड आधारित सहयोग से यूजर किसी भी नेटवर्क, हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर कनफिगरेशन से जुड़ी टीम और किसी भी आकार या सेटअप की परियोजना में काम कर सकता है।

आरआईपीएल की निदेशक सौम्या दास ने कहा, ‘हमने पिछले साल भारत में आर्किकैड को रिलांच किया था और हमे पूरे देश से जवरदस्त रिस्पांस मिला है। यह दुनिया भर में उपलब्ध सबसे ज्यादा उन्नत सॉफ्टवेयर है और इससे उत्तर प्रदेश के पेशेवरों को अपने कौशल बढ़ाने व सर्वश्रेष्ठ परियोजना की डिलिवरी तय समय से करने में मदद मिलेगी।

सामान्यता इंफ्रास्ट्रक्चर उद्योग मे सबसे बड़ी दिक्कत सही प्लानिंग की कमी, प्रोजेक्ट की देख-रेख का आभाव, सही समय पर उत्पादों की उपलब्धता न होना और प्रशिक्षित लोगो की कमी है जिससे न केवल परियोजना की गुणवत्ता मे फर्क पड़ता है बल्कि तय समय पर वह पूरी नहीं हो पाती है। आर्किकैड जैसे नवीन उत्पाद से न सिर्फ काम की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि परियोजना की डिजाइन तैयार करने में समय बचेगा और कई अन्य फायदे होंगे। बीआईएम जैसी तकनीक का सही इस्तेमाल बाजार को रफ्तार देने में कारगर होगा और भारतीय बुनियादी ढांचा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।’