नई दिल्ली: सूबे में सरकारी नौकरियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हो गई है. यही वजह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 2.37 लाख शिक्षकों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है. आरोप है कि नियमों को दरकिनार कर रेवड़ियों की तरह से नौकरी बांटी गई हैं. इतना ही नहीं अखिलेश-मायावती शासनकाल की दरोगा-सिपाही भर्ती भी निरस्त हो सकती है.

सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने 23 तरह की भर्तियों पर रोक लगा दी है. इसमें से 22 भर्ती उच्च शिक्षा में सहायक प्रोफेसर से जुड़ी हुई हैं. प्रक्रिया के तहत करीब चार हजार से अधिक पदों पर भर्ती होनी है. वहीं बेसिक शिक्षक विभाग में 48 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया है. इस प्रक्रिया में अनुदेशकों के पद भी शामिल हैं.

योगी राज: अखिलेश की सरकार के वक़्त भर्ती हुए 2.37 लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट सूबे में सरकारी नौकरियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हो गई है. यही वजह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 2.37 लाख शिक्षकों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है.

बेशक सीएम बेसिक शिक्षा विभाग में 48 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा चुके हैं. लेकिन 2.37 लाख शिक्षक पदों पर भी खतरा मंडरा रहा है. जानकारों की मानें तो 1.65 शिक्षकों के वो पद हैं जिन पर शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया है. शिक्षा का अधिकार एक्ट को किनारे कर बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी गई है.