अखिलेश ने बुलाई कार्यकारिणी की बैठक

लखनऊ: आंतरिक संघर्ष और चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी अब खुद को मजबूत करने का एक्शन प्लान तैयार करने जा रही है। पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को लखनऊ में बुलाई है।

शनिवार को इसमें एक मुद्दा पार्टी की एका का भी है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को पार्टी में खास अहमियत देने की राह भी खुल सकती है। सपा मुख्यालय में यह बैठक पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने बुलाई है।

इसमें कार्यकारिणी के सभी 46 सदस्य बुलाये गये हैं। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में कई अहम प्रस्ताव पास होंगे। पार्टी के महासचिव व राज्यसभा सांसद किरनमय नंदा ने बताया कि इस बैठक में सदस्यता अभियान चलाने, जिला व प्रदेश संगठनों को मजबूती देने संबंधी प्रस्ताव पास करेगी।

पार्टी का हर तीन साल में होने वाला राष्ट्रीय अधिवेशन इस साल अक्टूबर में प्रस्तावित है। इसकी तैयारियों पर भी चर्चा होगी। इसके अलाव पार्टी संविधान में भी बदलाव संबंधी प्रस्ताव आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी में एक वर्ग दोनो खेमों में एका चाहता है और कोशिश है कि मुलायम सिंह यादव को दुबारा अध्यक्ष पद पर आने के लिए मना लिया जाए और अखिलेश यादव को पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया जाए।

इस सवाल पर भी चर्चा हो सकती है। असल में पार्टी दोहरी चुनौती से जूझ रही है एक ओर पार्टी में शिवपाल खेमा हाशिए पर है और दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में करारी हार से पार्टी सदमें की हालत में दिखती है। सत्ता से बाहर हो चुकी समाजवादी पार्टी अब हार के कारणों की तलाशने में लगी अब भितरघातियों को पहचानने में जुटी है।

पार्टी मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों मंडलवार समीक्षा बैठक कर हार के कारणों पर मंथन कर रहे हैं। अभी तक मिर्जापुर मंडल, गोरखपुर, इलाहाबाद व चित्रकूट मंडल के पार्टी पदाधिकारियों के साथ लंबी बैठक में अखिलेश यादव चुनाव में हार पर फीडबैक ले चुके हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी की चुनावी हार पर भी चर्चा हो सकती है।