रक्षामंत्री पद से दिया इस्तीफा, 15 दिनों के अंदर साबित करना होगा सदन में बहुमत

पणजी. गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने भाजपा विधायक दल के नेता मनोहर पर्रिकर को आज मुख्यमंत्री नियुक्त किया. शपथ लेने के लिए पर्रिकर को 15 दिनों के अंदर सदन में बहुमत साबित करना होगा. इस बीच पर्रिकर ने रक्षामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, 'मैंने अपना इस्तीफा पीएमओ को भेज दिया है. मैं कल शाम कैबिनेट मंत्रियों के साथ गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा."

राज्यपाल के सचिव रूपेश कुमार ठाकुर ने आज रात यहां जारी एक प्रेसनोट में कहा, ‘‘राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने गोवा भाजपा विधायक दल के नेता मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है.’’ इसमें कहा गया है कि पर्रिकर ने राज्यपाल के समक्ष भाजपा के 13 विधायकों, एमजीपी के तीन, गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन का सबूत पेश किया है. इस तरह 40 सदस्यीय विधानसभा में उनके साथ 21 विधायक हैं.

पर्रिकर ने रक्षामंत्री पद से इस्तीफा दिया, कल शाम लेंगे गोवा सीएम पद की शपथ गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने भाजपा विधायक दल के नेता मनोहर पर्रिकर को आज मुख्यमंत्री नियुक्त किया.

पर्रिकर के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात के समय भाजपा के 13 विधायकों के साथ गोवा फारवर्ड पार्टी (तीन) और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (तीन) और निर्दलीय (तीन) विधायक भी थे, जिनकी कुल संख्या 21 होती है. भाजपा ने बेनौलिम से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक चर्चिल अलेमाओ के समर्थन का भी दावा किया और कहा कि उनके समर्थन का पत्र भी जल्द ही राज्यपाल को भेज दिया जाएगा.

राज्यपाल से मुलाकात के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा गोवा में एक स्थिर सरकार बनाएगी. गडकरी ने कहा, "हम मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनाएंगे. हमारे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थन के लिए पार्टियों को बधाई दी है." उन्होंने यह भी कहा कि अन्य विधायकों के साथ रविवार तड़के एक बजे से ही चर्चा जारी है और अधिकांश मुद्दे और मतभेद सुलझा लिए गए हैं. गडकरी ने कहा, "हम लंबे समय के लिए मुद्दे स्पष्ट कर लेना चाहते हैं. सभी साथ मिलकर काम करेंगे."

इस बीच कांग्रेस अपना विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाई है. जबकि रविवार शाम तक वह सरकार गठन का दावा पेश करने वाली थी. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष लुइजिन्हों फलेरो के नाम का उनके सहयोगियों ने विरोध किया है, खास तौर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे और दिगंबर कामत ने.

कांग्रेस ने शाम छह बजे राज्यपाल से मुलाकात का समय लिया था. लेकिन विधायक दल का नेता ही नहीं चुना जा सका. भाजपा सरकार गठन का दावा सोमवार को पेश करने वाली थी, लेकिन उसने रविवार देर शाम तक ही 21 विधायकों का समर्थन जुटा कर राज्यपाल से मुलाकात कर ली. कांग्रेस ने इस कदम पर भाजपा पर हमला बोला.

दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "भाजपा हमेशा नैतिक और चरित्रवान पार्टी होने का दावा करती है. क्या खरीद-फरोख्त.. निगमों, मंत्रालय के वादे किसी पार्टी की नैतिकता या चरित्र होता है, जैसे कि वे मिठाइयां बांट रहे हैं? हम भाजपा के किसी भी प्रयास की, यहां तक कि सरकार गठन का दावा पेश करने के बारे में सोचने की कड़ी निंदा करते हैं, खासतौर से मनोहर पर्रिकर की."