नई दिल्ली: सीआरपीएफ के जवान इस साल होली नहीं मना रहे. सुकमा जिले के कोत्ताचेरु में 12 जवानों की शहादत के चलते दंतेवाड़ा जिले के जवानों ने अपने साथी जवानों के नाम होली के रंग समर्पित कर श्रंद्धाजलि दी है.

जवानो में घटना के बाद से आक्रोश है. अब बेहतर रणनीति से बस्तर से नक्सलियों को भगाकर होली खेलने की बात जवान कह रहे हैं. जवानों ने ईटीवी के माध्यम से अपने परिवारो को यह सन्देश दिया है.

दंतेवाड़ा के कुआकोंडा में ईटीवी की टीम ने जवानों के मन की बात को जाना. सुकमा मार्ग में दोनों जिलों के बॉर्डर पर भुसारास की घाटियों में सीआरपीएफ कैम्प की 230 बटालियन की डेल्टा कम्पनी है, जो जमीन तल से 250 फीट की ऊंची टेकरी पर है. यहां नेटवर्क की सुविधा नहीं है.

जंगलों में तैनात सुरक्षा बल के जवानों ने होली मनाने की तैयारियां कर रखी थीं. होलिका दहन की लकड़ी भी जमा कर रखी थी. रंगों के त्योहार की उमंग जवानों ने कई दिनों पहले से बसा रखी थी लेकिन सुकमा में जवानों की सहादत की खबर लगते ही भूसारास के जवानों ने इस बार होली नहीं मनाने की ठान ली.

जवानों में होली बहिष्कार के साथ आंखों में नक्सलियों की इस कायराना करतूत का जबाब देने की बौखलाहट भी दिखी. हरियाणा निवासी तरशेम लाल ने कहा कि साथियों की शहादत का नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. बिहार के रहने वाले कमलेश ने कहा होली नक्सलियों को जवाब देने के बाद ही खेली जाएगी.

उड़ीसा के शैलेंद्र बोरेक ने कहा हम सब जवान एक हैं. इसलिए कोई होली नहीं मनाएगा. बटालियन के सहायक कमांडेंट हर्ष कुमार यादव ने बताया कि बस्तर की सुरक्षा में जवानों की शहादत हुई है. हम घटनाओं से घबराते नहीं हैं, दुगनी ताकत से नक्सलियों से लड़ेंगे.