सुलतानपुर। कुछ थानेदारांे का अपना कानून चलता है। विरोध करने पर
फरियादियोे को अपमानित भी होना पड़ता है। जी हां ये बाते आपको सुनने में
थोड़ा अजीब लग रही होगी लेकिन कोतवाल आजाद केशरी का विवादों से नाता कोई
नई बात नहीं है। साहब जहाँ भी रहते है उस थाने में उनका ही कानून नजर आता
है। ताजा मामला कोतवाली देहात से जुड़ा है। जहा बीते दिनों पहले एक सफारी
गाडी के खरीदने और बेचने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इस कदर बढ़ा की
मामला पुलिस तक जा पंहुचा। पुलिस ने मामले को देखते हुए गाडी को सीज किया
और गाडी के मूल कागजात को दिखा गाडी छुड़वाने की बात कहा। जब गाड़ी मालिक
सुरेंद्र कुमार अपने सहयोगी महेश शुक्ला,तरुण तिवारी के हाथ न्यायलय से
गाडी संख्या जे जे 05 जे डी-3366 को रिलीज पेपर और मूल कागजात के साथ
भेजा तो थानेदार साहब का रसूक न्यायालय के आदेश पर भारी पड़ गया। उन्होंने
उक्त व्यक्तियों को यह कह कर थाने से भगा दिया कि यह कागजात फर्जी है।
यहाँ भाग जाओ वरना ऐसे मुदकमे में फसाउंगा जिंदगी खराब हो जायेगी। पीड़ित
ने फिर से न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय का आदेश न मानने के संबंध में
याचिका दायर कर दी है। जिसको न्यायालय ने स्वीकार करते हुए मामले को
सुनने के नियत तारीख निर्धारित कर दी है।