लखीमपुर-खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी शहर में गुरुवार रात को सांप्रदायिक तनाव फैलने के मद्देनजर लागू किये गये कर्फ्यू में आज सुबह छह बजे से 12 घंटे की ढील दी गई। शनिवार को प्रशासन ने छूट दी तो लोगों की जिंदगी पटरी पर लौट आई। डीएम और एसपी ने कल रात को ही ऐलान कर दिया था कि शहर के हालात सुधर गए हैं और अब कर्फ्यू में ढील दी जाएगी।

शनिवार की सुबह छह बजे से छूट दी गई। सुबह छह बजे जैसे ही छूट का टाइम आया, लोग घरों से निकलने लगे। सुबह खुशनुमा माहौल रहा। जैसे-जैसे वक्त बीता रौनक बढ़ती चली गई। अखबार और सोशल मीडिया से मिली सूचना के बाद बाजार खुल गए। कई दिनों से ठप पड़ी खरीदारी शुरू हो गई। बैंक खुल गए। सड़क किनारे के ढाबों पर पकौड़ियां तली जाने लगीं। समोसे बनने लगे और चाय छनने लगी।

ऐसा नहीं था कि पुलिस तैनात नहीं थी। हर चौराहे पर पुलिस, फायर ब्रिगेड का डेरा था। हैलमेट लगाए पुलिस वाले, एलआईयू के लोग जमे थे। डीएम कंट्रोल रूम से नजर रखे थे। आईजी ए. सतीश गणेश, कमिश्नर भुवनेश कुमार, डीआईजी प्रवीण कुमार एलआरपी गेस्ट हाउस के बाहर खड़े थे। वह शहर की हर गतिविधि की खुद ही अपडेट ले रहे थे। वाईडी कालेज के प्रोफेसर डॉ. जेएन सिंह सुबह स्कूटर पर बैठकर निकले तो राह में शहर कोतवाल दीपक शुक्ला मिल गए। डॉ. सिंह ने लपककर हाथ मिलाया। कहा कि वेल डेन सर। दीपक शुक्ला भी मुस्कराए और आगे बढ़ गए।

शहर के इमली चौराहे पर चाय बेचने वाले बाबूराम बहुत खुश थे। बोले-भइया, लागत है कि आज ही आजादी मिली है। खुराफाती आदमी हमरे शहर को आग लगाना चाहते थे। भगवान ने हमको बचा लिया। यहीं पर गुलाल बेचने की दुकान लगाए प्यारेलाल ने कहा कि हमारा तो कारोबार ही बर्बाद हो गया था। त्योहार सिर पर है और हमारा धंधा बर्बाद हो गया।