एटा।अपने बड़बोलेपन के नाम से पहचान रखने वाले उन्नाव के सांसद हरि सच्चिदानंद साक्षी महाराज दो दिन पहले अपने आश्रम पर पहुंचे। पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कब्रिस्तान बनना ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा क़ि मैं इस मामले में मोदीजी के बयान से सहमत नहीं। एक ऐसा कानून बने कि जिसमे कब्रिस्तान के लिए कोई जगह न हो, श्मशान सबका संयुक्त हो। साक्षी के इस बयांन पर देश भर में कड़ी प्रतिक्रिया हो सकती है।

रविवार को साक्षी महाराज ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के श्मशान और कब्रिस्तान वाले बयान पर कहा कि 'मैं मोदीजी के इस वचन से सहमत नहीं हूं। मैं इसे कतई स्वीकार नहीं करता कि कब्रिस्तान और श्मशान बराबर में बनना चाहिए। कब्रिस्तान बनना ही नहीं चाहिए। अगर कब्रिस्तानों में हिंदुस्तान की सारी की सारी जमीन चली जाएगी तो खेती कहां होगी, खलिहान कहां होंगे।'

उन्होंने कहा कि विश्व में जितने भी इस्लामिक देश हैं वहां किसी भी प्रकार से कोई कब्रिस्तान होता ही नहीं है, वहां तो जलाया जाता है और हम साधू संन्यासी करीब साढ़े तीन करोड़ साधू सन्याशी सारे देश में हैं हम साधू सन्याशी में भी परंपरा गाड़ने की है जलाने की नहीं है। पर मैं यह चाहता हूं मेरी इच्छा ये है मोदीजी से ये निवेदन करना चाहता हूं शमशान एक हो श्मशान जन्नत तक ले जाए, वही शमशान मोछ द्वार तक ले जाए।'

वही स्वर्ग तक ले जाए और कम से कम राजनीतिक लोग बाहर तो हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई को इकठ्ठा नहीं होने देते लेकिन शमशान में तो इकठ्ठा होने दे। तो एक ही चिता हिन्दू की, वही मुसलमान की, वही सिख की, वही ईसाई की। शमशान कम से कम वो तो जब पैदा एक जगह से होते हैं तो कम से कम मरते समय एक हो जाएं।