लखनऊ: समाजवादी सरकार के अन्याय और ज्यादतियों के खिलाफ आज उलेमा समिति ने जारी बयान में कहा कि अखिलेश यादव खुद को मुसलमानों का बड़ा हमदर्द कहते हैं तो वह जवाब दें कि आखिर न्यायाधीश की परीक्षा से उन्होंने उर्दू को क्यों खत्म किया ? उलेमा ने कहा कि अखिलेश सरकार से पहले न्यायाधीश (जजी) परीक्षा में उर्दू कंपलसरी होती थी मगर अखिलेश ने सत्ता की कमान संभालते हैं न्यायाधीश की परीक्षा से उर्दू को बिलकुल समाप्त कर दिया ।उलेमा ने कहा कि जिस समय न्यायाधीश परीक्षा में उर्दू कंपलसरी होती थी उस समय मुस्लिम न्यायाधीश बनते थे मगर अखिलेश के उर्दू खत्म करने के फैसले के बाद उनकी मुस्लिम दुश्मनी को समझा जा सकता है। अखिलेश सरकार उर्दू दुश्मन और मुस्लिम विरोधी है यह अब छिपा तथ्य नहीं है।उलेमा ने आगे सख्त रुख व्यक्त करते हुए कहा कि अखिलेश यादव की असलियत से मुस्लिम मौलवी परिचित हैं या बाप अपने बेटे को ठीक समझता होगा, मुलायम सिंह यादव ने कई बार मीडिया के सामने कहा है कि अखिलेश मुस्लिम विरोधी है लेकिन मौलवी और तथाकथित मुस्लिम नेता अभी भी अखिलेश की मुस्लिम दोस्ती के झूठे कसीदे अलाप रहे हैं ।

उलेमा ने कहा कि अखिलेश सरकार ने मुसलमानों के साथ हर वर्ग के लोगों के साथ अन्याय और उत्पीड़न किया है,रियासत मंे जितने डिप्टी कलेक्टर बनाए गए उनमें 80 फीसदी यादव हैं, अखिलेश यादव जवाब दें कि आखिर उत्तर प्रदेश में उन्होंने यादव समुदाय के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए कया किया है? उनके पास इस चुनाव में उपलब्धियों के तौर पर गिंवाने के लिए कुछ नहीं है यही कारण है कि वे मजबूरन आधे अधूरे कार्यों को गिंवाते दिखाई देते हैं।

उलेमा ने कहा कि अखिलेश सरकार ने मुस्लिम दुश्मनी का खुला प्रदर्शन किया ह,ै मुजफ्फरनगर दंगा, दादरी में अखलाक की बेरहमी से हत्या और जिया उल हक की हत्या इस बात की दलील हैं। क्या मुसलमान नेता और मुस्लिम मौलवी भूल गए कि कैसे अखिलेश सरकार ने कुरान जलाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवकों पर गोलियां बरसाई थीं, गोलियां चलाने वाले पुलिस वालों पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक समय वो था जब काजीए शाहर मौलाना अबुल इरफान मियां फिरंगी महली नमाज पढ़ा रहे थे और सभी डॉक्टर उनके पीछे नमाज पढ़ रहे थे,नमाज पढते में अखिलेश सरकार के इशारे पर पुलिस ने नमाजियों पर लाठीचार्ज किया था।उलेमा ने कहा कि मौजूदा चुनाव में अखिलेश यादव का मुस्लिम विरोधी चेहरा जनता के समक्ष लाना चाहिए क्योंकि अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव भी अखिलेश की मुस्लिम दुश्मनी में कई बार बयान दे चुके हैं। इसलिए हम बार बार कह रहे हैं कि पिता से बेहतर बेटे को कोई नहीं समझता होगा इसलिए मुसलमान अखिलेश यादव से सावधान रहें।

बयान लिखते समय मौलाना रजा हुसेन, मौलाना हबीब हैदर, मौलाना फीरोज हुसैन, मौलाना इफ्तिखार हुसैन इन्किलाबी मौलाना तसनीम मेहदी, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना जव्वार हुसैन, मौलाना हसन जाफर और अन्य उलेमा मौजूद रहे।