सुलतानपुर। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्वांचल में पहली चुनावी रैली सदर विधानसभा में कर गैंगरेप के आरोपी विधायक अरूण वर्मा के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद दूसरी रैली कर अरुण वर्मा को मंत्री बनाने के भी संकेत दिए। प्रतिष्ठा की सीट बनी इस विधानसभा के वोटर अपना अलग राग अलाप रहे है।वोटरो का कहना है कि उन्हें बलात्कारी विधायक नही चाहिए।

चुनावी टोटके देख रहे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगता है ज्योतिष पर भी भरोसा करते है। सदर विधान सभा के बारे में कहा जाता है कि यहाँ जिस पार्टी का विधायक जीतता है सरकार उसी की बनती है। यही वजह है कि विधायक अरुण पर गैंग रेप के बाद हत्या का आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री ने नुमाये में दूसरी जनसभा कर सफाई दी और प्रत्यासी को जिताने की अपील किया।

वोटरों की नाराजगी नही हुई कम
इस विधान सभा के अथैसि समेत दर्जनों गांव के लोगों का कहना है कि गैंग रेप फिर हत्या करने वाले को कभी विधायक नही बनाया जा सकता है। विधायक ने सिर्फ अपना ही विकास किया है।

बीजेपी प्रत्यासी सीताराम वर्मा बिगाड़ रहे खेल

जनता की नाराजगी के साथ बीजेपी प्रत्यासी सीताराम वर्मा का इनके वोटो पर पकड़ दिखाई दे रही है। नाराज मतदाता दूसरे दलों की तरफ रुख कर रहे है। इससे सपा प्रत्यासी की मुश्किल बढ़ रही है। उधर खाटी सपाई रामरतन यादव ने भी इनका साथ छोड़ बसपा का दामन थाम लिया है।

हीरो को लेकर भी नाराज है मतदाता

समाजवादी छात्र सभा की दिल्ली यूनिट के महासचिव रणविजय सिंह उर्फ हीरो ने प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी के लिए आत्मदाह कर लिया था। हीरो का गांव भी सदर विधानसभा के रेवारी गांव में आता है। शहादत के बाद सपा ने हीरो के परिवार के लिए कई वायदे किये थे। जो अभी तक नही पूरे हुए। सरकार बनने के बाद भी मुलायम कुनबा कभी हीरों के घर नही पहुंचा। जबकि विपक्ष में बैठने के दौरान सपा की राजनीतिक पिच को हीरो ने अपने खून से तैयार की थी।