नई दिल्ली: आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार का 1000 के नए नोट लाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा है कि फिलहाल हमारा फोकस 500 और छोटी करंसी को छापने और उसकी सप्लाई करने पर है। उन्होंने कहा कि एटीएम में कैश खत्म होने की शिकायतों पर काम किया जा रहा है। उन्होंने लोगों के दरख्वास्त की है कि जब उन्हें जरूरत हो, तब ही एटीएम से कैश निकालें। कुछ लोगों जब जरूरत से ज्यादा कैश निकाल लेते हैं तो औरों को तकलीफ होती है। अब तक कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि सरकार जल्द ही 1000 रुपये के नए नोट लेकर आएगी और इसकी प्रिंटिंग भी शुरू हो चुकी है। लेकिन दास के ट्वीट ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार ने केंद्र सरकार के सीनियर ऑफिसर के हवाले से कहा था कि नोटबंदी के बाद अमान्य हुए 1000 रुपये के नोटों की जगह नए नोट बाजार में आएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक ने 1000 रुपये की नई करंसी की प्रिंटिंग का काम शुरू कर दिया है केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक की योजना 500 और 1000 रुपये की नई करंसी को एक साथ जारी करने की थी, लेकिन 8 नवंबर के बाद 2000 रुपये की करेंसी जारी होने के बाद मची अफरातफरी के बीच रिजर्व बैंक और सरकार ने 500 रुपये की करंसी को जल्दी जारी कर दिया था।

रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि बाजार में उतारी जाने वाली नई 1000 रुपये की करंसी में भी सुरक्षा मापदंड के साथ मंगलयान की फोटो देखने को मिलेगी। रिजर्व बैंक ने बेहतर सुरक्षा फीचर्स और मंगलयान की फोटो से युक्त 2000 रुपये और 500 रुपये की नई करंसी जारी की है।

बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और हजार रुपये के नोटों को अमान्य करार दे दिया था, जिसके बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइनें लग गई थीं। कैश की किल्लत से लोगों को काफी परेशानी हुई थी। नोटबंदी के चलते कई लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ा था। दुनिया की कई रेटिंग एजेंसियों ने इसे भारत की विकास दर के लिए खतरा बताया था। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इसे विनाशकारी करार देते हुए कहा था कि अभी और बुरा वक्त आना बाकी है। विपक्षी पार्टियों ने भी संसद में इसे लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा था।